मदन मोहन सोनी-
राज्यसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन का नाम भी शामिल है। नवीन जैन को राज्यसभा उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने व्यवसायी वर्ग के साथ ही धार्मिक समीकरण भी साधने का प्रयास किया है। नवीन जैन को भाजपा ने अल्पसंख्यक कोटे से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी के संगठन का लंबा अनुभव रखने वाले नवीन जैन आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फतेहपुर सिकरी सीट से प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।
बता दें कि वर्ष 2017 में नवीन जैन आगरा के महापौर चुने गए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 से की थी। नवीन जैन खुद ही बताते हैं कि उनके पिताजी आगरा के एलआईसी बिल्डिंग के पास चाय की दुकान चलाया करते थे। आगरा के लोग उनके पिताजी को चाय वाले जैन साहब के नाम से जानते थे।
अब इस बात की चर्चा हर जगह चल रही है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कभी अपने पिताजी के साथ चाय बेचा करते थे। चाय बेचते बेचते वो गुजरात के मुख्यमंत्री भी बने और फिर देश के प्रधानमंत्री भी। ठीक वैसे ही अपने पिता के साथ चाय बेचने वाले नवीन जैन पहले तो आगरा नगर निगम के पार्षद बनें, फिर डिप्टी मेयर बनें और उसके बाद मेयर भी बनें। अब नवीन जैन राज्यसभा पहुंचने वाले हैं।
ऐसा लगता है कि जैसे इन दिनों भाजपा में चाय बेचने वाले लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते जा रहे हैं। पहले तो नरेंद्र मोदी और दूसरे नवीन जैन। दोनों नेताओं के साथ एक और सुखद संयोग जुड़ा हुआ है। नरेंद्र और नवीन दोनों का नाम न अक्षर से शुरु होता है और दोनों ही वैश्य समुदाय से आते हैं।
यह जानना भी बेहद दिलचस्प है कि कभी चाय की दुकान चलाने वाले नैमी चंद जैन के बेटे नवीन जैन आज की तारीख में अरबों रुपये के स्वामी हैं। यूपी नगर निगम चुनाव 2017 में उनके द्वारा घोषित की गई संपत्ति के अनुसार नवीन जैन के पास कुल 409 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
लगभग 40 साल पहले नवीन जैन भाजपा से जुड़े और 1980 में भाजपा के वार्ड अध्यक्ष बनाए गए। इसे बाद 1989 में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ा। पहली बार में ही वो चुनाव जीत गए। 1995 में दूसरी बार भी जीतने में कामयाब हुए। भाजपा ने उन्हें 2010 में ब्रज क्षेत्र का कोषाध्यक्ष भी बनाया। 2019 तक वो इस पद पर बने रहे।