जनसंदेश इलाहाबाद संस्करण के लगभग दो दर्जन कर्मचारी बदहाली के शिकार हैं. संस्थान ने पहले दो महीने का वेतन नहीं दिया और आश्वासन देकर काम लेता रहा. १५ जून को सभी को बिना किसी नोटिस के कार्यालय आने से मन कर दिया गया. संस्थान के इस बेतुके निर्णय से दो दर्जन लोग सड़क पर आ गए. संस्थान वेतन भुगतान के लिए अलग अलग तिथियां देता रहा. आपको बता दें कि आज लगभग एक माह से अधिक समय हो गया, किसी को भी भुगतान नहीं दिया जा सका है. सबसे बदतर स्थिति संस्थान में काम करने वाले कर्मचारियों की है.
जीएम से बार बार वेतन मांगने पर वह आश्वासन दे रहे हैं कि बनारस से पैसे आने वाले हैं. जीएम बनारस के चक्कर लगा कर लगातार मिट्टी चाट कर लौट रहे हैं. सूत्रों की मानें तो संस्थान की ये स्थिति जीएम और उसके एक दो चाटुकारों के चक्कर में हुई है. जीएम भी शहर से अपना बोरिया बिस्तर लेकर भागने की फ़िराक में है. चर्चा ये भी है कि कार्यालय का किराया और विद्युत बिल भी लाखों की लकीर पार कर गया है. कुछ लोगों का कहना है कि जनसंदेश शायद अब इलाहाबाद में केवल जुलाई तक ही सन्देश पहुंचा पाएगा. कुछ कर्मचारी तो लेबर कोर्ट तक जा चुके हैं. आलम ये है कि वर्तमान में कार्य कर रहा फोटोग्राफर कभी फोटो देने से मन कर देता है तो कभी रिपोर्टर खबर भी नहीं भेजते है.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Comments on “जनसंदेश इलाहाबाद से दो दर्जन मीडियाकर्मी निकाले गए, भुगतान न मिलने से परेशानी”
yh to pahle se hi maloom tha ….dalali nhi kar paye …isliye namste …..