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सुख-दुख

एम्बुलेंस ‘चोर’ भाजपा नेता राजीव प्रताप रुडी तो लोकतंत्र का कलंक साबित हुआ!

अभिषेक सिंह-

पप्पू यादव जिगरा वाला आदमी है… पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी के घर घुस गए और पोल खोल दी। सांसद के घर सांसद कोटे की दर्जनों एम्बुलेंस छुपा कर रखी हुई थी।

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आप सोचिये लोगों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं है…प्राइवेट एम्बुलेंस वाले मनमाना पैसा वसूल रहे हैं इस समय में और इधर सांसद महोदय एम्बुलेंस को घर में छुपा कर रखे हुए हैं।


रवींद्र श्रीवास्तव-

हे राम ! एंबुलेंस के लिए हाहाकार मचा है, वहीं भाजपा सांसद रूड़ी के घर दर्जनों एंबुलेंस खड़ी मिली हैं! धिक्कार है !!!


शैलेंद्र अग्रहरि-

पप्पू इतना भी पप्पू नहीं सीधा अटैक यानी कि छापा मारा है..।

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ये दिल्ली वाले कथित पप्पू नहीं इ बिहार वाले असल पप्पू हैं। बिहार के छपरा से सांसद राजिव प्रताप रूडी के कार्यालय पर पड़ा यह जन छापा कहा जायगा!

जनता को हक है कि अपने पैसों का हिसाब पूछे।

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हुआ यों कि, छपरा में बीजेपी के नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी के अमनौर स्थित कार्यालय परिसर में दर्जनों एंबुलेंस खड़ी थी। इसको देखकर पप्पू यादव ने कहा कि अभी जिस तरह का माहौल है ऐसे में एंबुलेंस की जरूरत है लेकिन यहां ऐसे ही रखी गई है। सांसद को बताना चाहिए कि इस जरूरत के वक्त इतनी ढेरों एम्बुलेंस यहां क्यों छिपी पडी़ हैं।

पप्पू यादव ने भांडा फोड़ने के बाद तुरंत ट्विट दे मारा तो खलबली मची। सांसद ने कहा ले जाओ भाई ड्राइवर लहा के अपनी देख रेख में चलवाओ लो। तो क्या सांसद जी छपरा की जनता ने आपको काहे चुना है देख रेख काम धाम पप्पू यादव से ही करवाना है।

सांसद रूडी ने कहा कि ड्राइवरों के अभाव में ये एम्बुलेंस खड़ी रह गयी हैं जो सांसद निधि से खरीदी गयी थी। सोचिए सांसद निधि से खरीदे गये वाहन किसी सरकारी दफ्तर या अस्पताल में नहीं सांसद के घर में हैं।

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कहना भी सुनिए क्या रहा ड्राइवर के अभाव में मतलब इतनी बड़ी बेरोजगारी में ड्राइवर नौकरी को नहीं मिल रहे हैं अजी़ब मजाक है।

बेबुनियाद बातों के लिए शर्म आनी चाहिए या आप खुद कहना चाहते हैं कि बिहार का प्रशासन इतना निरंकुश है जो एम्बुलेंस जैसी एमरजेंसी सेवा के लिए ड्राइवर नहीं रख पाया।

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BJ Bikash-

एम्बुलेंस को घर की शोभा बनाने वाले बेशर्म बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी अब दलील दे रहे हैं कि ड्राईवर नहीं मिल रहा… 6 मई को यह डीएम को लिखा हुआ पत्र दिखा रहे हैं… लेकिन इससे पहले कहां थे जब अप्रैल पूरा और मई का एक सप्ताह एम्बुलेंस वालों की दहशतगर्दी मची थी ?

जब आप एम्बुलेंस के लिए ड्राईवर नहीं प्रबंध कर पा रहे हैं तो ख़ाक सांसद है आप… आपको ड्राईवर नहीं… आप जैसों ईमानदारी का चोला ओढने वाले नेताओं को चुल्लू भर पानी की आवश्यकता है.

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मनीष सिंह-

मूर्तिभंजन का दौर है। एक और मूरत टूट गयी।

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राजीव प्रताप रूडी बीजेपी के उन नेताओं से रहे हैं, जिनसे उम्मीद रहती थी कि किसी दिन भाजपा होश में आएगी, इन जैसो द्वारा सम्भाल ली जाएगी।

लोकतन्त्र में जनता के पास दूसरा सशक्त विकल्प हमेशा होना चाहिये। तो जब वर्तमान औरँगजेब, संघी शासन को मजबूत करने के चक्कर मे इसकी जड़ें खोदकर विदा होगा, रूडी जैसे अच्छे चेहरे शून्य को भर देंगे।

मगर अब समझ आ रहा है, ही इज लो लेस रॉन्ग इन पार्टी ऑफ रॉन्ग पीपुल। कॅरोना के दौर में , संसाधनों के भीषण अकाल के बीच, घर के पिछवाड़े में, सांसद निधि से सौ एम्बुलेंस खरीदकर सड़ने छोड़ देने वाला शख्स, अपने दल के दूसरे बेमुरव्वतों से कम नही है।

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छपरा जैसे इलाके में लोग एम्बुलेंस के लिए पेट काट रहे हैं, इलाज और जान बचाने के लिये बदहवास भाग रहे हैं, रूडी की ये लापरवाही गैस चेम्बरो में झोंककर लोगो को मारने वाले नाजियों से कम घृणास्पद नही है। पकड़े जाने पर बचने के लिए, एक दिन पहले की तिथि में कलेक्टर को लेटर लिख दिया। अब लजाने की बजाय चुनौती दे रहे हैं कि- “ड्राइवर का इंतजाम कर लो, और मुफ्त में ले जाओ”

छोड़ दो, और सारण वाले मुफ्त में ही ले जाएंगे। ये आपने अपनी पैतृक संपत्ति बेचकर नही खरीदा, सारण वालो के टैक्स का पैसा है। सारण वालों की ही प्रोपर्टी है। वो ड्राइवर खोज लेंगे, या आत्मनिर्भर बन खुद चला लेंगे। तुम तो एक काम करो रूडी ..

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गंगा में डूब मरो।


हरेश कुमार-

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राजीव प्रताप रुडी जैसे लोग भारतीय लोकतंत्र के नाम पर कलंक बन चुके हैं। इन सबको बस अपने कमीशन से मतलब है। सांसद निधि भ्रष्टाचार की गंगोत्री बन चुका है। इसके बावजूद सांसद निधि पर रोक लगाने को मौजूदा सत्ता तैयार नहीं। इतने भ्रष्टाचार के बावजूद हो सकता है कि अगली बार फिर संसद में हों। ऐसे लोग ही व्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहे हैं। सांसद निधि से एंबुलेंस लेने की बेचैनी थी,लेकिन यह एंबुलेंस कैसे चलेगा,इसकी कोई चिंता नहीं, क्योंकि कमीशन से मतलब था और कमीशन मिलने के बाद एंबुलेंस कबाड़ी ले जाए, क्या फर्क पड़ता है।

देश के सभी राज्यों का यही हाल है। कितने ही अस्पताल सालों से बनकर खड़े हैं, बनने के बाद से यूज न होने के कारण खिड़की-दरवाजे चोरी हो गये। स्थानीय सांसद और विधायक व अन्य को दलाली का हिस्सा मिल गया। सब निश्चिंत होकर दूसरी दलाली में लग गये।

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केंद्र हो या राज्य, दल बदला, लेकिन नेताओं-अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और दलालों की दलाली अनवरत जारी है। हिन्दुस्तान की आम जनता इन सबसे घृणा करने लगी है,लेकिन दलालों की सेहत पर कोई फर्क नहीं। चाइनीज़ वायरस कोरोना भी ऐसे नेताओं- दलालों का कुछ बिगाड़ नहीं पा रहा।


पंकज मिश्रा-

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मान्यवर राजीव प्रताप रूडी जी , यदि दर्जनों ambulance वाली खबर सच्ची है तो इस महामारी में यह विशुद्ध क्रिमिनल ऐक्ट है | crime against humanity ….

मुकदमा हो न हो मगर आपसे अपेक्षा भी है और अपील भी कि आप नैतिकता के आधार पर राजनीति से सन्यास ले लें ….

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ड्राइवर नही है , इस बचकानी सफाई पर कौन भरोसा करेगा , और यह सफाई तब आई जब चोरी पकड़ी गई , यह ऐम्बुलेंसेस कब खरीदी गई , यह समस्या उसी समय से थी या बाद में आई , आई तो आपने इसके लिए क्या कार्यवाही की , यह समस्या पहले किसको बताई थी , उसने क्या कार्यवाही की …. यदि यह खुलासा न हुआ होता तो भी क्या आप यह स्पष्टीकरण स्वयमेव दे रहे होते , कि मेरे पास दर्जनों ऐम्बुलेंसेस पड़ी है और ड्राइवर नही है , उधर पप्पू यादव ने एक दिन में ड्राइवरों की व्यवस्था कर दी , यानी आप बिलकुल नकारे सिद्ध कर दिए गए …….

क्या कहिएगा राजीव प्रताप रूडी सर ….

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संजय झा-

मुझे हैरानी होती है कि कैसे सीनियर पत्रकार लोग राजीव प्रताप रूढ़ी से भयंकर प्रभावित रहे हैं। उन्हें अब भी कैसे यकीन नहीं हो पा रहा है कि राजीव जी भयंकर भ्रष्ट नेता हैं। इसका क्या मतलब समझा जाये कि ये पत्रकार लोग सांसद जी के लच्छेदार भाषण से प्रभावित होकर ऐसा लिख और बोल रहे हैं या उन्होंने क्षेत्रीय रिपोर्टरों से संवाद करना बंद कर दिया है इसलिए उन्हें छपरा की जमीनी हकीकत का अंदाजा नहीं है?

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पंकज प्रसून-

पूर्व केंद्रीय मंत्री और माननीय सांसद महोदय श्री Rajiv Pratap Rudy जी पेशे से पायलट हैं। आप अगर ये कहते कि छपरा में एक साथ इतने सारे पायलट का इंतजाम करना मुश्किल है तो हम लोग निश्चित रूप से आप पर यकीन कर लेते लेकिन आपका ये #ड्राइवर नहीं मिलने वाला लॉजिक सरासर बेवकूफाना टाइप का सफाई है और ये बात किसी को भी आसानी से हजम नहीं हो सकती है सर।

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रूडी सर, आप हमलोगों की नजर में बिहार भाजपा के उन योग्यतम लोगों में से हैं जिनको मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत किया जा सकता है। आपकी काबिलियत पर किसी को कोई शक नहीं लेकिन इस बार आप ये मान लीजिए कि आपदा की इस घड़ी में आपसे घोर लापरवाही हुई है। इतने सारे एंबुलेंस धूल खा रहे हैं हालांकि आपने इन एंबुलेंस की हिफाजत का पुरकश इंतजाम कर रखा था और अच्छे से कवर करके रखा था लेकिन जनता के सच्चे जनसेवक Rajesh Ranjan पप्पू यादव जी ने इसको एक्सपोज कर ही दिया।

पप्पू यादव जी के सेवा भाव से प्रेरणा लेने की जरूरत है, पप्पू यादव जी को वोट क्या मिलता है ये मायने नहीं रखता है लेकिन हां पब्लिक का स्नेह और आशीर्वाद खूब मिल रहा है। उम्मीद करता हूं रूडी जी, अब आप भी कुछ बेहतर करेंगे…

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पंकज चतुर्वेदी-

यदि आप बिहार में है और आपको ड्राइवर की नॉकरी चाहिए तो तत्काल छपरा पहुंच जाइये। इस समय जॉब के साथ समाज की सेवा का अवसर भी है।

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असल में स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी जी के अमनौर स्थित कार्यालय परिसर में दर्जनों एंबुलेंस खड़ी हैं। जिन्हें सांसद विकास निधि से खरीदा गया है। कोविड में जब एक एक एम्बुलेंस के लिए मारा मार है, सांसद महोदय को ड्राइवर नहीं मिल रहे हैं।

सांसद ने कहा कि कोविड में ड्राइवर दीजिए. सभी एंबुलेंस सारण में चलवाइए. मुफ्त सभी गाड़ी देने के लिए तैयार हूं.

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वैध लायसेंस ले कर सीधे पहुंच जाइये।

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