सुसाइड के लिए उकसाने में गिरफ्तार हुए गोस्वामीजी!
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को बुधवार की अल-सुबह मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अर्णब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की मौत की जांच के सिलसिले में उसके घर से हिरासत में लिया है.
-सौमित्र रॉय-
रिपब्लिक चैनल वाले अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए मुम्बई पुलिस ने 2018 का मामला फिर खोला है।
एक इंटीरियर डिज़ाइनर ने एक चिट्ठी पर अर्नब का नाम लिखकर फंदा लगा लिया था।
मुम्बई पुलिस ने अर्नब को इसी मामले में आज गिरफ्तार किया है।
उन पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है।
IPC 306 के तहत 10 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
उधर अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर मिश्रित प्रतिक्रिया है। भक्तों को सदमा पहुंचा है वहीं जेनुइन मीडियाकर्मी जैसे को तैसा वाला मामला बता रहे अरनब की गिरफ्तारी को!
छत्तीसगढ़ के पत्रकार राजकुमार सोनी की टिप्पणी देखें-
यह पहला मौका है जब अर्णब की गिरफ्तारी से आम जन और पत्रकार बिरादरी में खुशी की लहर देखी जा रही है. अभी संघी-भाजपाई और नफ़रत की राजनीति को प्रश्रय देने वाले कथित देशभक्तों का विरोध सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि जैसे- जैसे खबर आम होगी वैसे-वैसे टिड्डी दल के लोग इस घटना को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए एकत्रित होने लगेंगे. बहरहाल जिन लोगों ने भी यह खबर सुनी हैं वे कह रहे हैं- चलो…यार सुबह- सुबह अच्छी खबर सुनने को मिली. आज तो दिन बन गया. कुछ तो अच्छा हुआ.
लखनऊ के पत्रकार नवेद शिकोह क्या लिखते हैं, पढ़ें-
अब तो हद हो गई है। मुंबई पुलिस ने टीवी पत्रकार/एंकर अर्नब गोस्वामी की पिटाई कर अपमानित करने की अति कर कर दी। टीआरपी रिपोर्ट को सही मानें तो अर्नब गोस्वामी देश के सबसे बड़े टीवी पत्रकार/एंकर हैं। इनकी न्यूज और डिबेट शो को भारत के सार्वाधिक लोग देखते है। विवादित टीआरपी रिपोर्ट के हिसाब से रिपब्लिक भारत सबसे ज्यादा देखे जाने वाला न्यूज चैनल है, और इस चैनल पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले अर्नब हैं। इस मायने से तो हुए ना अर्नब देश के नंबर वन या सबसे बड़े टीवी पत्रकार। और इस सबसे बड़े चैनल और पत्रकार के प्रति महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस जो रवैया अपना रही है उसके खिलाफ देश के पत्रकार क्यों नहीं आवाज उठा रहे हैं !
जिस हिसाब से पत्रकार जमात को अर्नब का बचाव करना चाहिए था उस हिसाब से तो कुछ भी नहीं हो रहा है। इस मामले को लेकर देश के पत्रकार संगठनों में लगभग ख़ामोशी ही है।
टीआरपी स्कैम में अब अर्नब गोस्वामी को हिरासत मे भी ले लिया गया। रिपब्लिक भारत चैनल का आरोप है कि हिरासत मे लेने के दौरान उनके साथ मारपीट भी की गई। इससे पू्र्व चैनल के अधिकांश मीडियाकर्मियो के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।
इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी इतनी खामोशी क्यों! देश के कथित सबसे बड़े चैनल के सबसे बड़े पत्रकार.. सबसे बड़े राष्ट्रवादी पत्रकार के प्रति पत्रकारों में इतनी उदासीनता क्यों ! इतनी खामोशी क्यों ! क्या देश के पत्रकार और पत्रकार संगठन अर्नब को पत्रकार ही नहीं मानते ! हालत ये है कि संकट से जूझ रहे इस पत्रकार का लोग मजाक उड़ा रहे हैं। कोई लिख रहा है कि अच्छा हो रहा है। कोई पत्रकार कह रहा है कि ये पत्रकार हैं ही नहीं। नाटकबाजी, चाटूकारिता, झूठ, पक्षपात, एकतरफा खबरों, नफरती एजेंडा चलाने और चीखने चिल्लाने से टीआरपी बढ़ भी जाये तब भी हम इसे पत्रकारिता नहीं मानेंगे। बहुत सारे कॉमेडी शो टीआरपी और कमाई में आगे होते हैं।
पलाश दुबे
November 4, 2020 at 10:20 am
भारतीय पत्रकारिता के लिए यह शुभ दिन है, अर्नब ने भौकने और देश के असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की परमपरा चलाई थी…टीआरपी स्कैम कर के नंबर आ जाता था तो दूसरे भी उसी रेस में दौड़ने लगे इसी के परम्परा पर…जो देश के लिए विनाशकारी साबित हो रहा था।
Daya shankar pandey
November 4, 2020 at 11:04 am
जैसे को तैसा वली स्थिति है,अपनी गरिमा का ख्याल रखना चाहिये
Sandeep kesharwani
November 4, 2020 at 11:13 am
*जागो पत्रकार साथी जागो, देश के नेता जनता के साथ साथ मीडिया के साथियों में भी फुट डालने का कार्य शुरु कर दिया है*
बहुत गलत हो रहा है इसका हम विरोध करते है क्योकि इस तरह से देश के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार पर अब सरकारी सिस्टम हॉबी हो रहा है, गलत को दिखाए जाने पर अगर सीनियर जर्नलिस्ट के साथ ऐसा ब्योहार होगा तो अब जूनियर भी इससे नही बच पाएंगे, सभी को उठाना होगा और इन्हें जवाब देना होगा कि गलत सिस्टम का हिस्सा न बने, आज अगर कोई पत्रकार साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जा रहा है खाली सचाई दिखाने पर तो गलत है इसका मैं विरोध करता हूँ, और सभी अपने जूनियर और सीनियर से हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहता हूं
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संदीप केशरवानी
जर्नलिस्ट
Sakshi Gautam
November 4, 2020 at 11:30 am
यह तूफान के आने की पूर्व शान्ति है। खेल तो अब शुरू हुआ है। महाराष्ट्र पुलिस अब अपनी बचीखुची इज्जत भी गंवा कर अर्नब को नेशनल हीरो बनाकर ही मानेगी !
राहुल सिसौदिया
November 4, 2020 at 11:40 am
अर्नब की गिरफ्तारी पत्रकार जगत के लिऐ बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण हैं। जो पत्रकार अर्बन की गिरफ्तारी पे खुशी मना रहें बो अपने गिरेबान में झांक कर देखें। कल बाकी के पत्रकारों के साथ भी ऐसा ही होसक्ता हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसी न किसी मामले में ये नेता लोग पत्रकारों को ऐसे ही जेल भिजवाते रहेगें।। मेरी देश भर के पत्रकार साथियों से अपील हैं एक जुटता दिखाये।।
राहुल सिसौदिया- स्वतंत्र पत्रकार
Rudra Pratap Singh
November 4, 2020 at 12:30 pm
जेनुइन पत्रकार