Roop Rekha Verma-
अभी अभी ख़बर मिली है कि दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर ने 13 साल पुरानी एक शिकायत पर अरुंधती रॉय और शेख़ शौकत हुसैन के ख़िलाफ़ कार्यवाही की अनुमति दे दी है। तानाशाह बौखलाया हुआ है। हर स्वतन्त्र लेखक, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और साहित्यकार को डराने और धमकाने में पूरी ताक़त लगा रहा है।
ये वो लेखक और पत्रकार हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में अपनी योग्यता की धाक जमाई है, देश की शान बढ़ाई है और जो बड़े जोखिम उठा के सत्य का लगातार उदघाटन करते हैं। ये बोलते हैं क्योंकि ये अपने देश से प्यार करते हैं। ये जोखिम उठाते हैं क्योंकि इन्हें मानवता से प्यार है।
बड़ी संख्या में विद्यार्थी, देश के नौजवान, लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता, दानिश्वर और पत्रकार इस बेहूदे और देशद्रोही तानाशाह का निशाना बन कर या तो जेल में हैं या लगातार जाँच एजेंसियों और अदालती कार्यवाहियों के भंवर में फंसा दिये गये हैं। उनकी प्रतिभा रोकी गयी है जो सिर्फ़ उनका नुकसान नहीं है बल्कि पूरे देश का है।
अरुंधती रॉय हों या न्यूज़क्लिक के बहादुर पत्रकार, भीमाकोरेगांव प्रकरण में फंसाये गये आलानशीन बुद्धिजीवी और लेखक हों या मात्र अच्छी शिक्षा और रोज़गार की माँग करने वाले होनहार युवा, ये हमारी शान हैं।
इनका अपराध यही है कि इन्हें सच की दरकार है। ये आपसी सम्वेदना और समानता पर आधारित समाज की पैरवी करते हैं। इन्हें झूठ, विशेषतः सरकारी झूठ, रास नहीं आता। और, ये अपनी रीढ़ सीधी ही रखते हैं।
कुल मिला कर ये वही तो करते हैं जो हमारा संविधान निर्देशित करता है? मैं इन सबके साथ हूँ और बौखलाये हुये तानाशाह की निन्दा करती हूँ ।
एक टिप्पणी ये भी देखें-
इसे भी पढ़ें-