Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

पत्रकार को हिस्ट्रीशीटर बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने मांगा यूपी के अफसरों से जवाब

एक दशक से ज्यादा वक्त से आशीष सागर लगातार बुंदेलखंड में पर्यावरण की आवाज हैं। गृहक्षेत्र बाँदा पुलिस प्रशासन ने कूटरचित तरीके से उन्हें मौरम-बालू माफियाओं की मेहरबानी में पुराने गड़े मुर्दे केस उखाड़कर हिस्ट्रीशीटर बना दिया है। तब जबकि सभी मुकदमों की फेहरिस्त में राजनीतिक रसूखदार और बाहुबली शामिल है। वहीं ज्यादातर मुकदमों में खुद पुलिस ने एफआर कोर्ट में दाखिल की है।

Ashish Sagar

उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड ज़िला बाँदा रहवासी व्हिसिल ब्लोअर और पत्रकार व प्रेस ट्रस्ट आफ बुंदेलखंड के फाउंडर सदस्य आशीष सागर दीक्षित को हिस्ट्रीशीटर बनाने के मामलें में इलाहाबाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने गृह सचिव यूपी सहित एसपी बाँदा से जवाब मांगा है।

आशीष सागर ने बताया कि 14 मार्च को इलाहाबाद उच्चन्यायालय की डिवीजन बेंच में याचिका की सुनवाई हुई है। जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा व जस्टिस रजनीश कुमार की पीठ ने इस केस में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता इमरान उल्ला, विनीत विक्रम और सत्यव्रत त्रिपाठी का पक्ष सुनकर पक्षकार बनाये गए यूपी के गृह सचिव, बाँदा पुलिस अधीक्षक, नगर कोतवाल से समयबद्ध काउंटर जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ प्रतिवादी से पक्षकारों के जवाब मिलने के बाद रिजवाइंडर दाखिल करने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई इस प्रक्रिया के बाद होगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

क्या था पूरा मामला

बुंदेलखंड के ज़िला बाँदा निवासी आशीष सागर दीक्षित बीते 12 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के साथ हासिये पर खड़े मुद्दों के लिए काम करते है। वह अलग-अलग मीडिया हाउस के लिए पत्रकारिता करते रहे है। वर्तमान में वह प्रेस ट्रस्ट आफ बुंदेलखंड के फाउंडर सदस्य व एक न्यूज पोर्टल के संस्थापक हैं। बतौर सामाजिक कार्यकर्ता आशीष सागर देश के कई मंचो में सम्मानित हुए। वहीं वर्ष 2009 तक ग्रामीण विकास मंत्रालय की संस्था कपार्ट में युवा उद्यमी रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सपा सरकार में बुंदेलखंड पेयजल एक्सपर्ट कमेटी सदस्य रहे आशीष सागर ने किसान आत्महत्या से पीड़ितों के लिए सोशल मीडिया के जरिये उनकी आर्थिक मदद का काम किया। वहीं गरीब कन्याओं के प्रकृति सम्यक ( ईको फ्रेंडली) विवाह गंवई भारतीय रिवाज से कराये हैं।

गौरतलब है कि पिछले कई साल से खनन के मुद्दे पर काम करने वाले व्हिसिल ब्लोअर ने प्रदेश के कद्दावर नेताओं व माफियाओं से संघर्ष किया। पिछले साल जून 2021 से बाँदा की अमलोर मौरम खदान से जुड़े बसपा नेता व हाल ही में तिंदवारी विधानसभा से चुनाव हारे जयराम सिंह के खिलाफ उन्होंने लिखापढ़ी व ग्राउंड रिपोर्ट की थी। बाँदा प्रशासन ने उन्हें लगातार टारगेट किया। वहीं 23 नवंबर को बाँदा एसपी के अनुमोदन पर नगर कोतवाल की आख्या मुताबिक उनकी हिस्ट्रीशीट खोली गई।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसकी जानकारी पत्रकार को 5 जनवरी 2022 को तब हुई जब उन्हें विधानसभा चुनाव में 107/16 व 111 में पाबंद किया गया था। देशभर के मीडिया व सोशल मीडिया मंच पर यह प्रकरण छाया रहा। वहीं स्थानीय पुलिस प्रशासन लगातार उन्हें प्रताड़ित करता रहा। पत्रकार व पर्यावरण कार्यकर्ता ने हर आला अफसरों, देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक अपनी गुहार शिकायत पत्रों से लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। थककर पत्रकार ने माननीय इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख इख्तियार कर उच्च अदालत से न्याय की प्रार्थना की है।

याचिका में पीड़ित ने अपने सामाजिक पृष्ठभूमि को सिलसिले वार बतलाते हुए अपने ऊपर सभी दर्ज मुकदमों की इबारत बयान की हैं। उन्होंने सूचनाधिकार से हिस्ट्रीशीट खोलने की मिली नगर कोतवाल की आख्या को भी हाई कोर्ट में आधार बनाया है। साथ सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा प्रिंटेड प्रोफार्मा में साइको स्टाइल भाषा पर 107/16 व 111 को भी दाखिल किया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन व पक्षकार अब उच्चन्यायालय में कैसा जवाब दाखिल करते हैं। उल्लेखनीय हैं हाल ही में पीयूसीएल की विश्लेषण रिपोर्ट में बीते 5 साल के अंतराल में उत्तरप्रदेश के अंदर पत्रकारों पर किये जा रहे उत्पीड़न ने सरकारी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मानवाधिकार को बाधित व परेशान करने वाले इस माहौल में बैरहाल निष्पक्ष पत्रकारिता व व्हिसिल ब्लोअर दोनों खतरे में है। आशीष सागर दीक्षित ने पुलिसिया दहशत में वोट भी नहीं किया और मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना को बर्दाश्त किया है। बुजुर्ग मातापिता को अवसादग्रस्त किया गया। पुलिस ने उनकी आजादी व प्रेस आफ फ्रीडम को आईसीयू में पहुंचाने का काम किया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement