कन्हैया शुक्ला-
राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबू लाल कटारा को अप्रैल 2023 में कुख्यात शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था.. तब से वह जेल में हैं लेकिन उनका नाम अभी भी विशेषाधिकार के नाम पर बोर्ड की वेबसाइट में देखा जा सकता है…
बड़ी गज़ब बात है कि प्रदेश की सर्वोच्च भर्ती संस्था इस दागी सदस्य से छुटकारा नहीं पा रही है.. RPSC एक संवैधानिक संस्था है.. केवल भारत के राष्ट्रपति ही इसकी सेवाओं को समाप्त कर सकते हैं.. राज्य सरकार ने राज्यपाल कार्यालय के माध्यम से राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेज दी है.. अब यह राष्ट्रपति कार्यालय पर निर्भर है कि वह बर्खास्तगी करते हैं कि नही करते हैं …
कटारा की ईमानदारी संदेह के घेरे में है क्योंकि वो इस समय जेल में हैं, इसलिए RPSC को खुद ही उनका नाम सदस्य सूची से हटा देना चाहिए..पर ऐसा नहीं है .. इनके नाम का जलवा सूची में देखा जा सकता है ..इनका नाम नहीं हटाया गया… अध्यक्ष के साथ-साथ अन्य सदस्यों की भूमिका की भी जांच पुलिस कर रही है..आरपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं ..ये एक सेवानिवृत्त IPS हैं… उन्हें भी पुलिस ने दो बार पूछताछ के लिए बुलाया है..
आरपीएससी बोर्ड के अन्य कौन कौन सदस्य हैं ये भी जान लीजिए –
- कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा
- स्वतंत्र पत्रकार जसवंत सिंह राठी
- पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य
जितने लोग भी इसके सदस्य हैं उनका खुद का अपनी कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है… बस उनके परिजन पहुंच वाले हैं इसलिए वो सदस्य हैं ..किसी भी सदस्य का अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान नहीं है.. ऐसा लगता है कि ये पद सिर्फ उनके किसी सोर्स वाले सगे संबंधी ने ही दिला दिया है..
राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को पेपर लीक मामले में में कटारा का लिंक मिला है.. ड्राइवर और भतीजा पर भी पुलिस की निगाहें हैं … जांच करने वाली SOG ने कटारा के डूंगरपुर स्थित घर से 52 लाख रुपए नकद और 541 ग्राम सोने के आभूषण बरामद किए हैं ..
आरपीएससी में शामिल होने से पहले, कटारा राज्य सरकार के योजना विभाग में निदेशक थे ..जेल में बंद कटारा को 15 अक्टूबर, 2020 को बोर्ड में सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया ..इनका रिटायरमेंट 2026 में होगा ..उसके पहले ही ये महोदय जेल चले गए हैं ..इनकी पोस्टिंग भी राज्य में एक हल्ला है कि आखिरकार इनकी पोस्टिंग कैसे हुई ..? अधिकारियों में पोस्टिंग को लेकर चर्चा है कि सिफ़ारिश के दम पर एक अयोग्य अधिकारी को ये पोस्टिंग कैसे दी जा सकती है ..
बहरहाल अभी तक इनका नाम RPSC के बेब साइड पर देखा जा सकता है और ये जेल से में हैं ..