मदन मोहन सोनी-
ताजगंज आगरा निवासी वरिष्ठ पत्रकार नसीम अहमद के विरुद्ध सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान और अभद्र टिप्पणी के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल मामला यह है कि पिछले 31 अक्टूबर को पत्रकार नसीम अहमद स्थानीय श्री मनकामेश्वर मंदिर में आयोजित वार्षिक भंडारे में शामिल हुए थें। आयोजन में पत्रकार नसीम अहमद को मंदिर के महंत जी ने पटका पहना कर चंदन लगा दिया था। इस चंदन और पटका वाली तस्वीर को कुछ लोगों ने भड़काऊ बयानों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल करना शुरू कर दिया।
पत्रकार नसीम अहमद एवं उनके परिवार पर कुछ कट्टरपंथी असामाजिक तत्वों द्वारा अभद्र टिप्पणी की जाने लगी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी।
जिसके बाद उन्होंने प्रशासन को पत्र लिखकर आगरा के ही एक पत्रकार मोहम्मद अरशद उर्फ यानी एवं इमरान कुरैशी व अन्य पर अपनी जानमाल के खतरे का अंदेशा जताते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की। आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए आगरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है।
आगरा पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए सीओ छत्ता सुकन्या शर्मा के नेतृत्व में मुस्लिम बाहुल्य मंटोला व ढोलिखार क्षेत्र में लगातार फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति व्यवस्था बनाने की अपील की।
बता दें कि आरोपी पत्रकार मोहम्मद अरशद पहले भी हिंदू मुस्लिम फसाद के मामले में जेल जा चुका है। क्षेत्र में उसकी पहचान एक कट्टर एवं फसादी व्यक्ति की है। ये लोग अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पत्रकार नसीम अहमद के खिलाफ जहरीले पोस्ट कर रहे थें जिससे सामाजिक एकता और शहर का अमन चैन खतरे में पड़ने की संभावना नजर आ रही थी।
महज मंदिर के भंडारे में शामिल होने पर नसीम अहमद के परिजनों के खिलाफ इन कट्टरपंथियों ने संगठित रूप से चरित्र हनन का अभियान सोशल मीडिया पर चलाया। इससे पत्रकार नसीम अहमद का पूरा परिवार खौफ और दहशत में जीने लगा था।
लिहाजा नसीम अहमद के आवेदन और उनके दिए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध एडीजी जॉन आगरा परिक्षेत्र ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया गया है। आगरा पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की अमन पसंद और बुद्धिजीवियों ने सराहना की है।