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हिमाचल अभी-अभी पर भड़के हिमाचल के परिवहन मंत्री जीएस बाली (देखें वीडियो)

हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जीएस बाली का आग बबूला होना जायज है। उन्हें हिमाचल नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य जम्मू एंड कश्मीर में मुंह की खानी पड़ी है। प्रदेश के चीफ जस्टिस और आवाम के सामने हुई किरकिरी व वॉल्वो बस श्रीनगर से धर्मशाला के बीच चलाने के लिए पूरा होमवर्क न करने की पोल खुलने का सच बाली कबूल नहीं कर पा रहे। खुद के विभाग की गलती मानने के बजाय वह बस न चल पाने की सारी भड़ास ”हिमाचल अभी अभी” पर निकाल रहे हैं।

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हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री जीएस बाली का आग बबूला होना जायज है। उन्हें हिमाचल नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य जम्मू एंड कश्मीर में मुंह की खानी पड़ी है। प्रदेश के चीफ जस्टिस और आवाम के सामने हुई किरकिरी व वॉल्वो बस श्रीनगर से धर्मशाला के बीच चलाने के लिए पूरा होमवर्क न करने की पोल खुलने का सच बाली कबूल नहीं कर पा रहे। खुद के विभाग की गलती मानने के बजाय वह बस न चल पाने की सारी भड़ास ”हिमाचल अभी अभी” पर निकाल रहे हैं।

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बाली शायद ये भूल गए कि वॉल्वो बस को परिवहन विभाग शुरू करने जा रहा था, न कि ”हिमाचल अभी अभी”। श्रीनगर से बस संचालन के लिए जम्मू एंड कश्मीर सरकार व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से सुरक्षा संबंधी अनुमति उन्हें लेनी थी। ”हिमाचल अभी अभी” ने बस न चलने पर जीएस बाली और उनके विभाग की कमियां गिनाकर निर्भीक पत्रकारिता की है। बस चलाने का ढिंढोरा काफी समय से परिवहन मंत्री प्रदेश में हर जगह पीट रहे थे। इस दौरान क्या उन्हें ये बिलकुल भी याद नहीं रही कि श्रीनगर से बस चलाने के लिए सुरक्षा क्लियरेंस भी जरूरी है। विभाग के आरएम के नेतृत्व में श्रीनगर भेजी गई टीम वहां पर पांच दिन तक क्या करती रही? अगर सुरक्षा कारणों से बस चलाने को हरी झंडी महबूबा सरकार ने नहीं दी थी तो वॉल्वो बस को श्रीनगर ले जाया ही क्यों गया? इससे या तो मंत्री को अंधेरे में रखा गया या फिर जानबूझ कर ये गलती की गई।

एचआरटीसी की ओर से बकायदा इसके कार्ड छपवाए गए थे। अभी तक ये यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि अगर सुरक्षा क्लियरेंस नहीं मिली थी तो वॉल्वो में भरकर बाराती श्रीनगर महज सरकारी खर्चे पर घुमाने के लिए ले जाए गए? इससे घाटे में चल रही एचआरटीसी को और राजस्व चपत लगी है। ये तो अक्षय कुमार अभिनीत फ़िल्म ‘स्पेशल 26’ की तरह ही हो गया। नकली सीबीआई बनकर अक्षय और उनकी टीम को डाका कहीं और डालना था, जबकि असली सीबीआई अधिकारी मनोज वाजपेयी को गच्चा देने के लिए नकली सीबीआई टीम बस में भरकर कहीं और भेजी गई। ऐसा ही वॉल्वो चलाने में भी हुआ, बस चल कहीं तक सकती थी और पहुँच कहीं गए।

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संबंधित वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर क्लिक करें :

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https://www.youtube.com/watch?v=34ndcqAiRu8

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