भास्कर ग्रुप का मायाजाल का काफी लंबाचौड़ा है. अखबार के दम पर इस ग्रुप ने बहुत पैसा बनाया, बहुत सारे क्षेत्रों में विस्तार किया. भास्कर ग्रपु को धीरे धीरे ये गुमान होने लगा था कि वही भगवान है. इस ग्रुप के मालिकान प्राइवेट चार्टर प्लेन से चलते हैं. ये चार्टर प्लेन इनका खुद का है. शायद ये पहला मीडिया हाउस होगा जिसके मालिक खुद के चलने के लिए प्राइवेट चार्टर प्लेन रखते हैं. सोचिए, किस किस्म की रइसी है.
भास्कर ग्रुप के यहां छापे पड़े तो इनके अंदर की काली दुनिया सामने आने लगी. जाने किस किसको डारेक्टर बनाया हुआ है. जाने कौन कौन सा कारोबार करते हैं. भास्कर के मालिक सुधीर अग्रवाल व उनका परिवार पांच दिनों से घर में कैद है. आयकर टीमें सुधीर अग्रवाल के करीबियों से लगातार सख्त पूछताछ कर रही हैं.
भास्कर ग्रुप के यहां मारे गए छापे का भोपाल का अखबार दैनिक पीपुल्स समाचार बहुत बढ़िया से कवरेज कर रहा है. उधर इंदौर का अखबार दबंग दुनिया भी खूब दबा कर भास्कर छापा कांड को छाप रहा है. दरअसल इन दोनों अखबारों के मालिकों की गर्दन कभी भास्कर वालों ने दबोच रखी थी. तब बदले में इन लोगों ने अपने अपने अखबार निकाले. इंदौर का अखबार दबंग दुनिया तो गुटका माफिया किशोर वाधवानी का है. किशोर वाधवानी के काले कारनामों को भास्कर ने दबा कर छापा तो अब वाधवानी अपने अखबार दबंग दुनिया में भास्कर वालों की काली दुनिया के राज का पर्दाफाश कर रहा है.
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