श्रीजैनेंद्र-
गाँव में अचानक बिजली गायब हो गयी। वैसे भी आजकल बिहार में बिजली का बुरा हाल है। लेकिन भोज को तो अपने समय से होना था। फिर हुआ देशी जुगाड़। तीन फोर व्हीलर को अलग-अलग कोनों में खड़ा करके हेड लाइट ऑन कर दी गयी। फिर हो गया भोज। बिजली आये न आये क्या फर्क पड़ता है?
वे लोग मूर्ख हैं जिन्हें लगता है कि भारत में क्रांति हो सकती है। भारत को समस्याओं के साथ जीने का अभ्यास है। सब भगवान करता है का स्थायी भाव है। समस्याओं को लेकर पूर्व जन्मों के फल का सिद्धांत है। और फिर आपस में इतनी बुरी तरह विभाजित समाज घंटा क्रांति करेगा। इनके असली दुश्मन तो उनके सबसे पास की जाति होती है। यहाँ क्रमिक, संवैधानिक बदलाव ही होगा। क्रांतिकारियों से निवेदन है कि जवानी क़ुर्बान न करें। शादी करें। प्रेम करें। बच्चे पैदा करें। बच्चे पालें। -दिलीप मंडल