उन्नाव : लखनऊ कानपुर राजमार्ग और आसपास क्षेत्रों में खुद को मीडियाकर्मी बता वाहनों से वसूली और चोरी की घटनाओं का अंजाम देने वाले गिरोह का कोतवाली पुलिस ने खुलासा किया है। मंगलवार को जांच के दौरान गिरोह का एक सदस्य अचानक पुलिस के हाथ आ गया, जबकि चार लोग छापेमारी के दौरान वहां से भाग निगले। पुलिस ने इनके पास से एक बाइक भी बरामद की है। पुलिस ने पांचों कथित मीडिया कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है तथा पकड़े गए युवक को जेल भेज दिया है।
पिछले काफी समय से राजमार्ग समेत विभिन्न मार्गों पर चलने वाले भारी वाहनों को कैमरा, आईडी व फर्जी पहचान पत्र दिखाकर वसूली किए जाने की शिकायतें पुलिस को मिल रही थी। शिकायतों के बाद कोतवाली पुलिस इस तरह के लोगों की तलाश में लगी हुई थी। मंगलवार को एक बार फिर शहर कोतवाली धर्मेद्र सिंह रघुवंशी को जांच के लिए निकले। इसी दौरान उन्हें कथित मीडिया कर्मियों के राजमार्ग पर वसूली करने की सूचना मिली। कोतवाल ने दही चौकी प्रभारी केपी सिंह, किला चौकी प्रभारी मन्नान और उनकी टीम के रोहित पांडेय आदि को जांच करने का निर्देश दिया।
पुलिस लखनऊ बाईपास और गदन खेड़ा के मध्य राजमार्ग पर सक्रिय गिरोह की तलाश शुरू की। इसी बीच पुलिस को पता चला कि रायबरेली रेलवे क्रासिंग निर्माणाधीन आरओबी के पास एक काली बाइक से खड़े लोग खुद को मीडिया कर्मी बता वसूली कर रहे हैं। इसपर पुलिस बल क्रासिंग पहुंचा। पुलिस को देखते ही वहां से चार युवक भाग निकले। जबकि आदर्श नगर निवासी राजन मिश्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस बीच मौके पर एक काले रंग की पल्सर बाइक छोड़ कर भागे। पुलिस ने बाइक को भी कब्जे में ले लिया है।
कथित पत्रकार राजन को पुलिस पूछताछ के लिए कोतवाली लायी। जहां राजन ने अपने गिरोह के साथियों के नामों में बताया कि उसका मुख्य साथी संजय सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी डीएसएन रोड एबी नगर है। इसके अलावा शेरा उर्फ चंद्रिका निवासी आवास विकास, मन्नी निवासी आवास विकास व एक अन्य शामिल हैं। पूछताछ के बाद कोतवाली पुलिस ने पकड़े गए राजन व उसके चार अन्य साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर राजन को जेल भेज दिया है। बताते हैं पकड़ा गया राजन वैसे तो चाय की दुकान करता है और उसी समय अपने साथियों के साथ वाहनों से वसूली करता है।