सौरभ/उमेश-
ये वसीम अहमद शेख उर्फ भूरा हैं। आरोप है कि इन्होंने अपने इन्हीं दोनों हाथों से खरगोन में शोभा यात्रा पर पत्थर फेंके थे। छोटी मोहन टाकीज के पास गुमटी चलाते थे। जिला प्रशासन ने 11 अप्रैल को उस दुकान पर बुलडोजर चलवा दिया। 2005 में करंट लगने की वजह से इनके दोनों हाथ काटने पड़े थे।
बुलडोजर युग का बुलडोज़र न्याय… यह वसीम शेख हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने इनकी गुमटी तोड़ दी, क्योंकि आरोप के मुताबिक उन्होंने शोभायात्रा पर ‘पत्थर’ चलाए थे. वसीम के दोनों हाथ 2005 मे ही एक हादसे में कट गये थे.
दूसरी खबर यह है कि उस महिला का आवास जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना था, जिसे पुलिस ने बुलडोज कर दिया था, उसे अब सरकार दुबारा बनवाएगी । खैर पैसा तब भी सरकारी खजाने का था और अब भी।