Girish Malviya : मोदी जी को चाहिए कि अब स्वामी चिन्मयानंद को देसी ऑयल मसाज का ब्रांड एम्बेसडर घोषित कर दें. स्वामी जी स्वदेशी बाला की मसाज से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं और आफ़्टर मसाज बिल्कुल रिलेक्स नजर आ रहे हैं. कब तक हमारे देश की जनता विदेशी मुल्कों में जाकर मसाज पर अपनी बहुमूल्य मुद्रा ख़र्च करेगी? अब मेक इन इंडिया का जमाना है देश के हर कस्बे शहर में छोटे बड़े मसाज पार्लर खुल रहे हैं. उनका बिजनेस स्वामी जी को ब्रांड एंबेसडर बना देने से लोकप्रियता की नयी ऊंचाइयों को छूने लगेगा.
एक बार स्टार्ट अप खुलेगा तो स्टैंडअप अपने आप हो जाएगा.. कब तक मोदी जी भी पकोड़ा रोजगार की बात करेंगे? वो मोदी सरकार के पहले टर्म की बात थी अब देश विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहा है. अब दूसरा टर्म है. पहले से ज्यादा सीटें आयी है. कुछ नया आना चाहिए! कब तक यह मनरेगा जैसी फालतू योजना चलाई जाएगी. अब तो ‘दीनदयाल मसाज रोजगार योजना’ चलाई जानी चाहिए? आखिर देश को 5 ट्रिलियन की इकनॉमी भी बनाना है.
Ravi Prakash : चिन्मयानन्द जी का ऑयलिंग कराता हुआ जो गुप्त चलचित्र आया है वह कुछ और नहीं दरअसल भारत में रामराज्य लाने का वह महनीय प्रयास है जहाँ देवदासी प्रथा में शामिल महिलाओं के साथ मंदिर के पुजारी यह कहकर शारीरिक संबंध बनाते थे कि इससे उनके और भगवान के बीच संपर्क स्थापित होता है. फर्क बस इतना है कि पहले देवदासियां मंदिर या संस्था को व्याह दी जाती थीं अब इसके लिए चिन्मयानंद ने कॉलेज खोल लिया है…..!!
Jaishankar Gupt : चिन्मयानंद जी पर नंगे होकर छात्रा-युवती से मसाज करवाने के लिए किसने साजिश रची। क्या उनकी मरजी के बगैर नग्न मसाज हो रहा था। इसके आगे वाले वीडियोज में न जाने और क्या क्या है! हैरत की बात है कि यू पी पुलिस और उसकी एसआइटी ने अभी तक उन पर बलात्कार का मुकदमा नहीं दर्ज किया है और न ही उनसे पूछताछ की है। चिन्मयानंद जी पर कुछ वर्ष पहले उनकी एक शिष्या, चिदर्पिता ने भी अपने लगातार यौन शोषण का आरोप लगाया था, मुकदमा भी कायम हुआ था लेकिन योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने उन पर चल रहे सभी मुकदमे वापस ले लिए। इस बार भी उन्हें बचाने के उच्चस्तरीय प्रयास जारी हैं। अगर इसी तरह के आरोप किसी गैर भाजपाई नेता पर लगते तो..गायत्री प्रजापति का याद है न! किस तरह से बिना किसी सबूत के उन्हें महज एक महिला की शिकायत पर ‘बलात्कारी’ साबित कर दिया गया था! आनन फानन में कुर्की जब्ती, गिरफ्तारी। बाद में वह अदालत से बलात्कार के आरोप से बरी भी हो गये थे।
Sarfaraz Nazeer : स्वामी चिन्मयानंद पर मत बोलिए क्योंकि मसाला मिल नहीं रहा। हां मदरसों में कोई मौलवी बलात्कार या यौन शोषण करते पकड़ा गया होता तो ख़बर मज़ेदार होती। बलात्कार का आरोप लगाने वाली शिष्या हिंदू ही है। किसी को हिंदू अस्मिता की फिक्र ही नहीं। हां किसी मुसलमान से शादी कर लेती तो लव जेहाद पर पैनल डिस्कशन हो रहा होता। हिंदू बेटी के लिए न्याय मांगा जा रहा होता। बलात्कारी मुसलमान होता तो अब तक कचहरी में वकीलों की भुजाएँ फड़क रही होती कि कब पेशी पर आए और फैसला आन द स्पाट कर दिया जाए। मोमबत्ती जगह जगह महंगी बिक रही होती। मगर अफसोस आरोपी भाजपा सांसद और अटल सरकार में गृहमंत्री रह चुका है। भगवा वस्त्रधारी है। लिहाज़ा बेइज्जती का खतरा है और हिंदू मुस्लिम एंगल नहीं है तो आप भी चादर तान के सो जाइए।
Nitesh Tripathi : छोटों को निपटा दो. ये डीएम, सांसद, विधायक एसपी ये लोग तो मायने ही नहीं रखते. इनके बारे में जितना छाप सकते हो खूब छापो. इनको मसल कर रख दो, लेकिन सीएम साहब का नाम डायरेक्ट नहीं आना चाहिए खबर में. पिछले दिनों भोपाल के एक साथी ने फोन पर बात करते हुए ये बताया. दोस्त वहां के नामी अखबार में काम करता है और पेशे से रिपोर्टर है. बात बात में उसने ये हालात मध्यप्रदेश में बीजेपी के सत्ता में रहने के दौरान महसूस की थी. कमोबेश यही स्थिति हर जगह है. आप बिहार में पत्रकारिता कर रहे हैं तो सीधे तौर पर नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ नहीं लिख सकते.
लेकिन, BJP से ताल्लुक रखने वाले और रेप के आरोपी चिन्मयानंद के बारे में तो खुलकर लिखा ही जा सकता है और चैनल भी इस बारे में दिखा सकते हैं. हाल ही में वायरल हुई चिन्मयानंद की वो क्लिप भी चला सकते हैं जिसमें वे तेल मालिश कराते नजर आ रहे हैं. बात अगर सीएम तक सीमित है तो चैनलों को वो क्लिप चलाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने कभी आप के नेता संदीप सिंह का वो क्लिप भी चलाया था जब संदीप बंद कमरे में एक महिला का राशन कार्ड बना रहे थे.
सौजन्य : फेसबुक