शाहजहांपुर। जिला समाज कल्याण विभाग के एक बाबू द्वारा पत्रकार पर झूठा आरोप लगा कर मार-पीट करने का मामला सामने आया है। पीड़ित पत्रकार ने भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष को पत्र लिखा है और मामले की जांच करा कर कार्यवाही करने की प्रार्थना की है। वहीं ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की तिलहर इकाइ भी पत्रकार के समर्थन में उतर आई है और डीएम को ज्ञापन देकर दोषी बाबू के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।
मामला दिल्ली से प्रकाशित न्यूज़ ऑफ इंडिया के शाहजहांपुर जिला संवाददाता अशफाक खां का है। उनका कहना है कि जब वे स्वतंत्रता दिवस पर प्रकाशित समाज कल्याण विभाग के एक विज्ञापन का भुगतान लेने विभाग के उर्दू अनुवादक बाबू नवेद खां के पास गए तो उसने उनके साथ गाली गलौज, मार-पीट की और जान से मारने की धमकी दी। अशफाक जब भुगतान लेने गए तो उन्हे देखते ही नवेद ने अपने साथियों से कहा कि यही वो पत्रकार है जिसके इशारे पर हमारे विभाग के भ्रष्टाचार की ख़बरें प्रकाशित होती हैं। इतना कहने के साथ ही नवेद के इशारे पर तीन-चार और बाबुओं ने अशफाक के साथ गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। अशफाक का दायां हाथ बहुत कमजोर है इस कारण वे अपना बचाव भी नहीं कर पाए।
अशफाक ने मामले की पूरी जानकारी पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के सद्स्यों के दबाव के चलते पुलिस ने सिर्फ एनसीआई दर्ज की है। उधर, प्रशासन ने समझौते के लिए अशफाक पर बहुत दबाव बनाया लेकिन मामला बनता न देख बिना जांच के घटना के तीन दिन बाद, उलटे अशफाक के विरुद्ध सरकारी अभिलेख फाड़ने का अरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी गई।
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने डीएम को ज्ञापन दे कर मामले की पूरी जांच कराने की मांग की है। अशफाक के साथ हाथापाई और गाली-गलौज करने वाले बाबू नवेद खां को तत्काल निलंबित करने की मांग भी की गई है। एसोसिएशन का कहना है कि अगर 5 सितंबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो एसोसिएशन सभी पत्रकारों के साथ जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल करेगी।