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सुख-दुख

मुफलिसी में जीवन गुजारने वाले चंदौली के वरिष्‍ठ पत्रकार दीनानाथ वर्मा का इलाज के अभाव में निधन

मुगलसराय। नगर के वरिष्ठ पत्रकार दीनानाथ वर्मा का लम्बी बिमारी के बाद गुरुवार की प्रातः मनोहरपुर स्थित कांशीराम शहरी आवास स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। श्री वर्मा के निधन की खबर सुनते ही पत्रकारों में शोक की लहर व्याप्त हो गयी। वे अपने पीछे पत्‍नी और दो पुत्र छोड़ गये। दाह संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर हुआ।। मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र ने दी। दैनिक जागरण, हिंदुस्‍तान समेत कई समाचार पत्रों में अपना योगदान दे चुके दीनानाथ वर्मा अपने तेवर व स्वाभिमान के लिये जाने जाते रहे हैं। 80 के दशक से उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा और फिर किसी दूसरे क्षेत्र की तरफ मुड़कर भी नहीं देखा। वह अपने तेवर व स्वाभिमान के कारण हमेशा मुफलिसी में रहे। लाख समस्या रही हो उन्होंने कलम से समझौता नहीं किया। कई बार इसके लिए उन्हें प्रताड़ित भी होना पड़ा लेकिन उन्होंने लेखनी को नहीं छोड़ी।

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मुगलसराय। नगर के वरिष्ठ पत्रकार दीनानाथ वर्मा का लम्बी बिमारी के बाद गुरुवार की प्रातः मनोहरपुर स्थित कांशीराम शहरी आवास स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। श्री वर्मा के निधन की खबर सुनते ही पत्रकारों में शोक की लहर व्याप्त हो गयी। वे अपने पीछे पत्‍नी और दो पुत्र छोड़ गये। दाह संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर हुआ।। मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र ने दी। दैनिक जागरण, हिंदुस्‍तान समेत कई समाचार पत्रों में अपना योगदान दे चुके दीनानाथ वर्मा अपने तेवर व स्वाभिमान के लिये जाने जाते रहे हैं। 80 के दशक से उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा और फिर किसी दूसरे क्षेत्र की तरफ मुड़कर भी नहीं देखा। वह अपने तेवर व स्वाभिमान के कारण हमेशा मुफलिसी में रहे। लाख समस्या रही हो उन्होंने कलम से समझौता नहीं किया। कई बार इसके लिए उन्हें प्रताड़ित भी होना पड़ा लेकिन उन्होंने लेखनी को नहीं छोड़ी।

नौकरी से मन भरने के बाद उन्होंने एक साप्ताहिक समाचार पत्र भी निकाला और उसका प्रकाशन बखूबी करवा रहे थे कि गत वर्ष उनकी तबियत खराब हो गई और वे इलाज पर चलने लगे। कुछ दिन तक इलाज कराने के बाद पैसे के अभाव में उनका दलाज सही ढंग से नहीं हो सका और उनकी किडनी खराब हो गई। हालांकि कुछ पत्रकारों ने इसकी जानकारी जन प्रतिनिधियों को दी थी, लेकिन किसी ने भी इसको तवज्जो नहीं दी। किसी ने कोई आर्थिक मदद भी नहीं की। अन्ततः मुफलिसी की जिंदगी में इलाज के अभाव में उन्होंने गुरुवार की प्रातः 06 बजे आखिरी सांस ली और संसार को अलविदा कह गये। उनके असामयिक निधन से पत्रकारों में शोक व्याप्त हो गया। उनके शव यात्रा के दौरान पत्रकारों में शिवपूजन तिवारी, सरदार महेंद्र सिंह, कमलेश तिवारी, कृष्णकांत गुप्ता, राजेन्द्र प्रकाश, फैयाज अंसारी, महेन्द्र प्रजापति, बिनोद पाल, राजीव कुमार, अनिल कुमार, मुरली, सरदार रौशन सिंह, नन्दलाल गौड़, संजय गुप्ता, श्रीकृष्ण गौड़ सहित परिवार के लोग तथा आसपास के लोग उपस्थित रहे।

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