देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक बहुत बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने संकेत दिया कि भारत की परमाणु हमला पहले न करने की जो नीति रही है, अब उसमें भारत ने बदलाव किया है. भारत परिस्थितियों के हिसाब से परमाणु हमले को लेकर तय करेगा.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर अटलजी को याद करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जो कुछ कहा, वह भारत की बदली सामरिक नीति को दर्शाता है. यह भी संभव है कि राजनाथ सिंह का यह बयान पाकिस्तान को एक तरह की चेतावनी भी है कि वह कश्मीर मसले पर बेमतलब की अंतरराष्ट्रीय राजनीति न करे.
इस मुद्दे पर कुछ पत्रकारों के विचार यहां पेश हैं-
Sheetal P Singh : देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी ने कहा- ‘पोखरण ने अटल जी के भारत के परमाणु शक्ति बनने के दृढ़ निश्चय को साकार होते देखा और परमाणु हमले की पहल न करने का वायदा अक्षुण्ण रक्खा. भविष्य में क्या होगा वह परिस्थितियों पर निर्भर है.’
यह बहुत गंभीर बयान है.
Abhishek Parashar : ‘नो फर्स्ट यूज” हमारा न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन रहा है. इस डॉक्ट्रिन को मानने का मतलब है कि भारत कभी भी पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, बल्कि जवाबी कार्रवाई में ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा. लेकिन इसका दूसरा मतलब यह भी है कि भारत कभी उन देशों पर परमाणु हमला नहीं करेगा, जिनके पास ऐसे हथियार नहीं है.
लेकिन रक्षा मंत्री का यह कहना कि ”नो फर्स्ट यूज आज तक की हमारी पॉलिसी है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है.” तो क्या भारत अब अपनी इस डॉक्ट्रिन को बदलने का मन बना चुका है?
Avinash Pandey Samar : Rajnath Singh’s hinting at changing India’s No First Use nuclear policy is a huge self-goal! God save India’s ‘Responsible Nuclear State’ status and save us from international repercussions- including in the NSG and MTCR!
Also, he is plain wrong, if not lying, over Vajpayee making India a nuclear power.
Indira Gandhi had made India a Nuclear Power in 1974- a whopping 24 years before 1998!