ग़ाज़ीपुर : बड़ा सवाल ये है कि बेसिक शिक्षा विभाग के बी ई ओ मरदह, गाजीपुर डॉ कल्पना को आखिर संरक्षण कौन दे रहा है? इस पर शिक्षकों के बीच चर्चा है कि प्रयागराज में पदस्थ बेसिक शिक्षा के बड़े अधिकारियों के चलते भ्रष्टाचारियों का काला कारोबार फलता फूलता रहता है।
अब बात डाक्टर कल्पना की जो ग़ाज़ीपुर ज़िले के मरदह में पदस्थ हैं। गत अक्टूबर माह में बी आर सी कैंपस स्थित विद्यालय में पढ़ने वाली 13 वर्षीया छात्रा के साथ बी ई ओ महोदया के चालक ने दुष्कर्म किया जिसमें दो शिक्षक निलंबित हुये और 12 अन्य शिक्षकों पर प्रतिकूल प्रविष्टि हुयी।
सबसे मज़ेदार बात कि बी ई ओ मरदह डॉ कल्पना द्वारा अन्य ब्लाक के दो शिक्षकों पर एस सी एस टी का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। ये इसलिए ताकि कोई उनके ख़िलाफ़ आवाज़ न उठा पाए। डरा धमका कर आतंकित रखना कल्पना का तरीक़ा है ताकि वे बेरोकटोक अपना साम्राज्य संचालित रख सकें। पर लोग जब रोज़ रोज़ के डर से एक दिन पूरी तरह डरना बंद कर देते हैं तो क्रांति होती है।
अब पुन: ब्लाक मरदह के शिक्षकों शिक्षिकाओं द्वारा शपथ पत्र पर शिकायत देनी पड़ी कि उन्हें अनुपस्थित दिखाकर बी ई ओ महोदया द्वारा धन उगाही की जा रही है। ये इस प्रकार का अति दुर्लभ मामला है कि सरकारी कर्मचारी शपथ पत्र पर शिकायत करने को मजबूर हुए हैं।
आयकर आगणन के आधार पर रिश्वत ली गयी, एससी एसटी मुकदमे की धमकी दी गयी और शासनादेश के विपरीत जाकर भारी भरकम कमीशन लेकर स्पोर्ट्स किट का वितरण भी करा दिया गया।
खबर है कि जनपद एवं मंडल स्तरीय अधिकारियों द्वारा भी बी ई ओ डा कल्पना के विरूद्ध शासन को रिपोर्ट भेज दी गयी है। सूत्रों की मानें तो अभी कुछ दिन पहले ही जिलाधिकारी महोदय ने खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक में बी ई ओ मरदह को कड़ी फटकार लगाई। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात।
आखिर कौन बचा रहा है योगी सरकार में ऐसे भ्रष्टाचार के पर्याय बन चुके खण्ड शिक्षा अधिकारी को?

ग़ाज़ीपुर के जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी दोनों को डाक्टर कल्पना के कारनामों के बारे में खूब पता है। पर लखनऊ-इलाहाबाद के बड़े अफ़सरों द्वारा मिलने वाले संरक्षण के चलते कल्पना को दंडित किए जाने के बाबत कोई कल्पना भी नहीं कर सकता!
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