राजस्थान के सीकर में मीडिया जगत में जबरदस्त हलचल है. एक डिजिटल जर्नलिस्ट डा. यशवंत चौधरी ने तहलका मचाया हुआ है. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है, बिना वजह. पत्रकारों के दबाव के कारण सीकर के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने डा. यशवंत चौधरी को फर्जी मामलों में गिरफ्तार किया है.
सीकर के चर्चित पत्रकार डा. यशवंत चौधरी
आशंका है कि पत्रकारों और प्रशासन के दबाव में पुलिस डा. यशवंत चौधरी का हिरासत में उत्पीड़न भी कर सकती है. राजस्थान, खासकर जयपुर के वरिष्ठ पत्रकारों से अनुरोध है कि वे सीकर पुलिस पर दबाव डालकर डा. यशवंत चौधरी के जान-माल की हिफाजत की गारंटी करें.
अपनी बेबाक और बेलौस डिजिटल पत्रकारिता के कारण डा. यशवंत चौधरी ने न सिर्फ जिले के शासन-प्रशासन बल्कि प्रिंट और टीवी के पत्रकारों को भी अपना दुश्मन बना लिया है. डा. यशवंत चौधरी की बेबाक पत्रकारिता के कारण कवरेज के दौरान ही पिछले दिनों एक अस्पताल के संचालक ने हमला करा दिया था. इसकी खबर भड़ास पर छपी थी.
इसके बाद जब डा. यशवंत चौधरी ने देखा कि जिले के बाकी सारे मीडिया वाले उन पर हमले के मामले को नहीं छाप रहे हैं तो उन्होंने सोशल मीडिया पर सबकी पोल खोलनी शुरू कर दी. इससे नाराज जिले के पत्रकारों व पत्रकार संगठनों एक प्रेस रिलीज जारी कर डा. यशवंत चौधरी को पत्रकार मानने से ही इनकार कर दिया. पढ़ें प्रेस रिलीज…
शायद इन पत्रकारों को ये नहीं पता कि उनके किसी के पत्रकार मानने या न मानने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि संविधान में पत्रकार होने के लिए कोई अलग से अनुच्छेद / धारा / व्यवस्था नहीं है. अभिव्यक्ति की आजादी का जो प्रावधान संविधान में उल्लखित है, उसी के तहत मीडिया हाउसेज चल रहे हैं और उसी के तहत हर शख्स अपनी बात कहने, रखने, छापने, प्रसारित करने का अधिकारी है. अगर कोई मानहानि करता है तो उसके खिलाफ लीगल प्रक्रिया है, पर किसी को सिरे से पत्रकार न मानने का ऐलान करना पत्रकारों व पत्रकार संगठनों की मूर्खता व अहंकार दर्शाता है.
वैसे भी डा. यशवंत चौधरी डिजिटल जर्नलिस्ट के साथ-साथ डायलाग इंडिया मैग्जीन के पत्रकार भी हैं. यानि वो प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट भी है. ऐसे में बिना जाने-समझे किसी एक्टिविस्ट किस्म के पत्रकार को खारिज करने की जल्दबाजी दिखाना मुख्यधारा की कथित मीडिया के अंदर के भय को दिखाता है जो खुद की आलोचना किए जाने पर सिर से लेकर पांव तक उत्तेजित हो जाता है. अगर मीडिया के लिए पूरी दुनिया का घटनाक्रम खबर है तो कुछ लोगों के लिए मीडिया के अंदर-बाहर का घटनाक्रम भी खबर हो सकता है. इसे स्पोर्ट्स स्पिरिट से लेना चाहिए, यही लोकतंत्र का मर्म भी है.
भड़ास4मीडिया के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह ने सीकर के चर्चित डिजिटल जर्नलिस्ट डा. यशवंत चौधरी को गिरफ्तार किए जाने की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि अगर डा. यशवंत चौधरी को शीघ्र रिहा नहीं किया गया तो दिल्ली से वरिष्ठ पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल राजस्थान की मुख्यमंत्री से मिलेगा और सीकर पुलिस की मनमानी का उल्लेख करते हुए एक तेजतर्रार पत्रकार के उत्पीड़नकर्ताओं के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की सिफारिश करेगा. अगर फिर मांग न मानी गई तो दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री से पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा.
डा. यशवंत चौधरी के ‘सीकर टाइम्स’ के फेसबुक पेज पर जाने वहां डाले गए कंटेंट को पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें….
https://www.facebook.com/SikarTimes
डा. यशवंत चौधरी पर हाल-फिलहाल हुए हमले की जो खबर भड़ास पर छपी, उसे पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें…
सीकर में डॉक्टर ने पत्रकार पर कराया हमला, देखें वीडियो
ये भी पढ़ें…
भड़ास के दमदार 10 साल पूरे होने पर ये लोग होंगे सम्मानित, देखें लिस्ट
#bhadas10
https://www.youtube.com/watch?v=NVFUrux8L5A
चन्दन सिंह
September 23, 2018 at 1:33 pm
इस टाइप के हरामिजात पत्रकार अखबार चैनल में सिर्फ दलाली वे लिये भडपरे हैं। इनकी योग्यता शून्य है लेकिन पत्रकार है।
यह कुत्ते सब डिजिटल मीडिया से डरे सहमे रहते है। मैनेजमेंट में इसे दिक्कत हो रही है।