-विजय कुमार
जयपुर में एक फर्जी एप को लेकर वीडियो जर्नलिस्ट में ऐसा जूनून चढ़ा कि प्रेस काफ्रेंस हो या फिर प्रेस क्लब , जहां पत्रकारों का जमावड़ा हो वहां वीडियो और फोटोग्राफर्स के बीच चर्चा का एक ही मुद्दा होता था, वो था फॉक्सकॉन एप. Foxconn Earning App में प्रोडक्ट पर पैसा लगाने की एवज में रोज़ाना मनी रिवार्ड के रूप में मिलता था और फिर मूल धन और रिवार्ड मिलाकर अमाउंट आप खाते में वापस ले सकते थे.
एक के दो, दो के चार, चार के आठ के फेर में वीडियो और फोटो जर्नलिस्ट ऐसे लगे कि सारा काम छोड़ , पूरा ध्यान इसी एप से पैसे निकालने में लगा दिया. जयपुर में पिंक सिटी प्रेस क्लब में फोटोग्राफर्स और वीडियोग्राफर्स के बीच इसी मुद्दे पर होड़ शुरू होने लगी कि किसने कितना पैसा लगाया और कितना लौट कर आया. एक दूसरे को अपने एप में दर्ज स्टेटमेंट दिखाकर शेखी बघारने वाले वाले लोगों की सांसें कल रात से अटकी हुई हैं क्योंकि देखा-देखी लोगों ने पैसा लगाने की ऐसी होड़ शुरु कर दी कि कभी एक-दूसरे से तो कभी मार्केट से भी उधारी लेने से बाज नहीं आए.
कई मीडियाकर्मी साथियों ने तो ढाई से तीन लाख रुपए लगाकर रकम दोगुनी होने की आस लगाई थी लेकिन कल रात अचानक से एप ने काम करना बंद कर दिया और सुबह तक वॉट्सएप ग्रुप में जो एडमिन थे, उन्होंने रिस्पांस बंद कर दिया. जब से जयपुर की मीडिया में ये खबर फैली है, कैमरापर्सन,फोटोग्राफर्स के चेहरे बुझे हुए है. कल तक अपना अकाउंट बताकर वाह-वाही बटोरने वाले अब गुमसुम दिख रहे हैं.
कुछ फोटोग्राफर और वीडियो जर्नलिस्ट की इस मुहिम में वरिष्ठ पत्रकार भी चपेट में आए हैं लेकिन मामला उलझने के बाद अपनी जगहंसाई के डर से नुकसान पर मन-मसोस कर बैठ गए हैं. मीडिया संस्थानों में कम तनख्वाह और राजनीति के फेर में कम समय में जल्द कमाई कर लेने वाले पत्रकारों की तादाद बढ़ गई है. ऐसे में उन्हें जहां से कमाई की आस लगती है वहीं मुड़ जाते हैं. वैसे जयपुर के पत्रकारों के साथ ठगी तो गहलोत सरकार भी कर गई है. रियायती दरों पर जमीन दिलाने के नाम पर कुछ पत्रकार नेताओं ने ऐसी भूमिका निभाई कि पूरी योजना पर ही बट्टा लग गया.
2013 में 571 पत्रकारों के नाम फाइनल थे, जिन पर नई कमेटी को काम करना था लेकिन नई कमेटी ने नए सिरे से आवेदन मांगने की मांग रखकर सब गुड़-गोबर कर दिया. बाद में जमीन की लॉटरी का मामला अदालत में फंस गया और बेचारे पत्रकार हजार-हजार रूपए का चंदा इकठ्ठा कर मामले को कोर्ट में ले गए हैं . एक-एक हजार इकठ्ठा कर वकील की फीस भरी जा रही है.
Sairam
October 12, 2023 at 8:39 am
This is a fake app my money is gone waste app no one can’t purchase in this app
Mahadev shrishail pattanshetti
October 13, 2023 at 9:49 am
मे महाराष्ट्र से हू मेने भी foxconn मे इन्व्हेस्टमेंट किया था अब मुझे कुछ समाज मे नही आ राह हे
जयप्रकाश ओझा
October 16, 2023 at 8:23 am
लालच बुरी बला है। बड़ा लालच और बड़ी बला है। लालची तो कोई भी हो सकता है।
Ali
October 13, 2023 at 3:59 pm
Fake app don’t invest money on this aap
Md Kalam
October 14, 2023 at 5:34 pm
I’m not foxconn
Mohammad Sheeraz Khan
October 13, 2023 at 10:25 pm
I have already invested in it
Md meraj
October 14, 2023 at 5:31 pm
140000 Mera lekar bhaga hai company
Md Riyaz
October 14, 2023 at 5:33 pm
Main Muzaffarpur se hun mujhe bhi postpone mein Maine invest kiya tha hamen bhi kuchh samajh mein nahin a Raha
Mdriyaz
October 14, 2023 at 5:36 pm
maine bhi foxcon company mein invest kar rakha hai lekin hamen bhi kuchh samajh mein nahin a Raha main Muzaffarpur Bihar se bol raha hun