अगले साल यानी 2019 की 19 से 23 जनवरी को राजस्थान के श्रीगंगानगर शहर में फिल्मोत्सव का आयोजन होने जा रहा हैं. फेस्टीवल के दो फाउंडर डायरेक्टर हैं, दोनों को पत्रकार के रूप में जाना पहचाना जाता है, पहले हैं -श्रीगंगानगर के वरिष्ठ पत्रकार सुभाष सिंगाठिया और दूसरे हैं – डॉ दुष्यंत, जिन्होंने लंबे समय तक जयपुर में पत्रकारिता की है, यानी वे जाने माने युवा पत्रकार- फीचर एडिटर हैं, हिंदी दुनिया उन्हें कवि, कथाकार के रूप में जानती है, इन दिनों मुम्बई में फिल्म राइटिंग से जुड़े हैं।
आयोजकों के अनुसार यह इस फेस्टिवल का पहला अंक होगा, फिर यह सालाना आयोजन रहेगा. इसका नाम ‘इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ श्रीगंगानगर’ रखा गया है.
शहर को जानिए
श्रीगंगानगर शहर उत्तरी राजस्थान में भारत पाक सीमा पर स्थित शहर है जिसे मशहूर ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह का शहर होने का सम्मान प्राप्त है, वहीं साथ ही यह शहर कई सांस्कृतिक विशेषताओं के संगम का शहर भी है क्योंकि राजस्थान, पंजाब और हरियाणा तीन राज्यों की सीमा पर स्थित है वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार पाकिस्तान. एक दो और खासियतो को बताना जरूरी है कि दुनिया के महत्वपूर्ण किन्नू उत्पादक इलाकों में इसकी गिनती होती है, वहीं भारत का यह विरला जिला होगा जहां के कलेक्टर विजय सिंह को भारत पाक युद्ध में विशेष सेवाओं के लिए भारत सरकार की ओर से पद्म अलंकरण दिया गया था. एक बात आपको और बता दी जाए कि पंजाब में जब अशांति का दौर था, आज़ाद खालिस्तान समर्थक अतिवादियों के सपनों के पंजाब के नक्शे में गंगानगर भी शामिल था.
फ़िल्म फेस्टिवल का मतलब?
कमर्शियल सिनेमा के अलावा अच्छे सिनेमा को प्रोत्साहित करने के लिए फ़िल्म फेस्टिवल आयोजित होते हैं, जहां आर्ट और नए तरह के सिनेमा पर फोकस होता है, फिल्में दिखाई जाती हैं, फिल्मों के प्रीमियर होते हैं, फिल्मों पर चर्चा होती हैं, डिस्कशन होते हैं, फेस्टिवल में शामिल फिल्मों में से जूरी श्रेष्ठ फिल्मों और उनके कलाकारों और टीम को अवॉर्ड देती हैं.
गंगानगर में क्या- क्या होगा?
राजस्थान सरकार से पंजीकृत ट्रस्ट के बैनर पर आयोजित होने वाले 5 दिन के इस आयोजन में विश्व भर से फीचर फिल्में, शॉर्ट फिल्में, डॉक्यूमेंट्री फिल्में दिखाई जाएगी. देश दुनिया से फिल्ममेकर आएंगे. एक्टिंग और फ़िल्म मेकिंग पर वर्कशॉप होगी. एक संगीतमय शाम होगी. आखिरी दिन अवार्ड सेरेमनी होगी.
कौन हैं इसके पीछे?
फाउंडर डायरेक्टर्स हैं: सुभाष सिंगठिया और डॉ. दुष्यंत. सुभाष सिंगठिया उत्तरी राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार हैं, कवि तथा साहित्यिक पत्रिका ‘पूर्वकथन’ के संपादक के रूप में हिंदी साहित्य में उनकी बड़ी प्रतिष्ठा है. वहीं, दुष्यंत मूलतः इसी इलाके के रहने वाले हैं, इतिहास में डॉक्टरेट हैं और बहुचर्चित लेखक- पत्रकार हैं. उनकी 6 किताबें पेंगुइन और राजकमल जैसे चोटी के प्रकाशकों ने छापी है. जयपुर में पत्रकारिता की है। इन दिनों मुम्बई में फ़िल्म लेखन से जुड़े हैं.
इन दोनों के अलावा देश- विदेश के अनेक फिल्म निर्देशक और फ़िल्म प्रोफेशनल यानी निर्माता, लेखक, गीतकार, सिनेमेटोग्राफर, संगीतकार, गायक और फ़िल्म पत्रकार इस फेस्टिवल से सलाहकार के तौर पर जुड़े हैं और जुड़ते जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि श्रीगंगानगर के इस पहले फ़िल्म फेस्टिवल को जयपुर इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल (यानी जिफ) टेक्निकल सपोर्ट कर रहा है, वहीं झारखंड का नेतरहाट फ़िल्म इंस्टिट्यूट इसका क्रिएटिव पार्टनर है.
शहर और इलाके को फ़ायदा?
सुभाष सिंगठिया ने बताया कि यह आयोजन इलाके में एक नई घटना है, जिससे यह इलाक़ा दुनिया के सांस्कृतिक नक्शे पर अपनी जगह बनाएगा, इलाके की प्रतिभाओं को फिल्मी दुनिया की इंटरनेशनल शख्सियतों को करीब से देखने, बात करने और जुड़ने के मौके मिलेंगे. शहर के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, देशी ही नहीं विदेशी फिल्मकारों के आने से शहर को बिजनेस के लिहाज से फायदा होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फेस्टिवल से इलाके की कहानियों पर फ़िल्म बनने के रास्ते खुलेंगे और लोकल टैलेंट फ़िल्म संसार के अलग -अलग कामों के लिए आगे आ पाएँगे, फेस्टिवल से उन्हें प्रेरणा, मार्गदर्शन और मौका मिलेगा.
छोटे शहर में क्यूं?
आयोजक कहते हैं कि ऐसे आयोजन बड़े शहरों में होते हैं क्योंकि वहां करना आसान होता है, पर हमें लगता है कि चुनौतीपूर्ण भले ही हो पर छोटे शहरों में ऐसे आयोजनों की सार्थकता और ज़रूरत ज़्यादा है, दुनिया में कई ऐसे शहर या छोटी जगहें है , जिन्हें किसी न किसी फेस्टिवल के कारण ही दुनिया में जाना गया, जैसे कान फिल्म फेस्टिवल. और हमारे इलाके की मिट्टी में तहज़ीब घुली हुई है, हमें उस तहज़ीब पर भरोसा है, उसे आगे लेकर जाना है.
नोजगे स्कूल होगा वेन्यू पार्टनर
इलाके में कल्चरल गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले नोजगे स्कूल ने फेस्टिवल के वेन्यू पार्टनर बनने के लिए खुशी और गर्व से सहमति दी है, फेस्टिवल के ऑनरेरी एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य और इलाके के सबसे प्रतिष्ठित अंग्रेजी स्कूल नोजगे के निदेशक पी.एस. सूदन ने कहा कि शिक्षा के साथ कलाओं के लिए हम हमेशा तत्पर रहते हैं, और इस आयोजन के ज़रिए सिनेमा की कला से यह इलाका गहरे से जुड़ेगा, इलाके की सांस्कृतिक परंपरा में नया रंग शामिल होगा, वहीं युवा पीढ़ी को एक अलग रोज़गार फील्ड के लिए विकल्प मिलेगा.
अनुभव सिन्हा ने की वेबसाइट लॉंच
पिछले दिनों मुम्बई में फेस्टिवल की वेबसाइट www.iffsg.com को ‘तुम बिन’, ‘रा-वन’ और ‘मुल्क‘ आदि फिल्मों के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने लॉँच किया और फेस्टिवल के लिए शुभकामनाएं दीं.
विशेष फोकस
फेस्टिवल में कोशिश की जा रही है कि पंजाबी सिनेमा और बच्चों के सिनेमा पर अलग सेक्शन हो. यानी पंजाबी और बच्चों की फिल्में दिखाई जाएगी, उनसे जुड़े कलाकारों से मिलने का अवसर मिलेगा.
प्रवेश कैसे होगा?
फिल्मों की स्क्रीनिंग में एंट्री नि:शुल्क यानी ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगी परन्तु सुरक्षा और व्यवस्था कारणों से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा जो ऑनलाइन और ऑन द स्पॉट दोनों रहेगा, रजिस्ट्रेशन भी निःशुल्क ही होगा. म्यूजिकल इवनिंग, ओपनिंग और क्लोजिंग सेरेमनी का प्रवेश विशेष पास से होगा.