लोकेश सलारपुरी-
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी का खेल पूरी तरह खराब कर सकती है ! अडानी गिरा तो भारत की अर्थव्यवस्था को भी बुखार आने लगेगा क्योंकि बैंकिंग सिस्टम थरथरायेगा ..अडानी को बचाने के चक्कर मे एलआईसी वगैरह भी निपट सकती हैं..

2008 में अमेरिका में एक बैंक (लेहमन ब्रदर्स) टें बोल गया था जिससे भारत को छोड़कर पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गयी थी ! इस बार तो खुद भारत मे कांड की शुरुआत हुई !
विदेशी निवेशक इस रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर्स से अपना हाथ खींच सकते हैं ! रिपोर्ट विस्तृत ही नही बल्कि डॉक्यूमेंट के सबूतों की ताक़त के साथ है जिससे मुकरना सम्भव नही हो पायेगा ! यद्यपि महक सिंह तरार के अनुसार ऐसी स्थिति में सरकारें पूरी ताक़त से बचाव में लगती हैं ! तरार साहब का कथन पूरी तरह सही है खासकर तब, जब अडानी को इस ऊंचाई तक पहुंचाया ही ” सरकार ” ने है !
इंटरनेशनल पॉवर्स शायद विरोध पर उतर आयी हैं ! कभी बीबीसी गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री लेकर आती है ,कभी हिड़नबर्ग की रिपोर्ट आती है ! सबसे बड़ा सिरदर्द राहुल गांधी तो बन ही चुके हैं …याद कीजिये 2012 में यूपीए सरकार के विरुद्ध भी यूँ ही चौतरफा हमले शुरू हुए थे ! 2G, कोलगेट,भट्टा पारसौल, अन्ना मूवमेंट इत्यादि …..
आज ठीक वैसा ही सरकार विरोधी माहौल अंगड़ाई लेता नजर आने लगा है ! 2019 में तो पुलवामा ने बचा लिया था पर 2024 में कौन सहारा बनेगा ये कहना मुश्किल है अभी ….मुझे डर सिर्फ इस बात का है कि ये कहीं बौखलाहट में कोई देश के लिए आत्मघाती क़दम न उठा लें ….
महक सिंह तरार- एक वाक्य से सहमत नहीं आपकी पोस्ट के। इसे यहाँ तक सरकार ने पहुँचाया या ये ही सरकार है? जेटली द्वारा राजनीतिक पार्टियों के चंदे में किए गये बदलाव के बाद अब पार्टियाँ धंधा कर सकती है कोई कॉर्पोरेट अपनी कंपनी किसी पार्टी को डोनेट कर सकता है कोई पूछ भी नहीं सकता। जैसे चीन में सेना ही प्राइवेट पार्टी की है ना की देश की वैसे भारत में पार्टियाँ ही कंपनी नहीं चला रही इसकी क्या गारंटी है। फिर ये पार्टी तो है ही बनियों का गैंग तो हो सकता है ये सरकार ही हो।
पूरी कहानी जानने के लिए ये वीडियो देखें-
अरुण पांडेय-
उधर मोदी पर BBC की डॉक्यूमेंट्री गदर काटे ही थी कि इधर अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर शेयरों में हेरफेर करने और अकाउंटिंग में धोखाधड़ी का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है. …गजब पीछे पड़े हैं सब।