दिनेश के सिंह ‘संजय’–
लखनऊ। करोड़ों की ठगी के मामले में वांछित हिंदुस्तान अखबार लखनऊ की कर्मचारी ज्योत्सना पांडे, पति प्रशांत सिंह और मां पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। मामले में रूलिंग पार्टी के विधायक और अपर मुख्य सचिव गृह के भारी दबाव के बाद ठग फैमिली फंसती जा रही है।
हिंदुस्तान की कर्मचारी ज्योत्सना पर एफआईआर दर्ज करने के बाद पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। इस पर ज्योत्सना ने अपनी मजबूरी का हवाला देते हुए थाने पहुंचने में असमर्थता जताई। ज्योत्सना से पूछताछ के लिए पुलिस जब हिंदुस्तान के दफ्तर पहुंचने वाली थी कि तभी अखबार के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को मामले को मैनेज करने के लिए लगाया गया। बाद में हिंदुस्तान मैनेजमेंट ने अपनी इज्जत बचाने के लिए ज्योत्सना का साथ देने से हाथ खड़े कर लिए क्योंकि मामला शासन के संज्ञान में आ चुका है इसलिए जांच अधिकारी ने सख्ती की।
ज्योत्सना को थाने जाना पड़ा जहां उससे घंटों पूछताछ की गई। हालांकि पहली पूछताछ में ज्योत्सना ने कोई भी राज नहीं उगला और न ही अपने फरार पति प्रशांत सिंह या मां के बारे में कोई जानकारी दी।
इस मामले में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के तेवर सख्त हैं। इसी कारण प्रदेशव्यापी स्तर पर इस रैकेट को चलाने वाले किसी भी ठग को पुलिस बख्शने के मूड में नहीं है।
उधर आरोप है कि शासन प्रशासन के भारी दबाव से बौखलाई ज्योत्सना पांडे ने पीड़ितों को धमकाना शुरू कर दिया। एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रियाद्विका सेल्स का खाता फ्रीज कर दिया गया है। इस खाते से लेनदेन करने वालों की हिस्ट्री तैयार की जा रही है।
दूसरी ओर साइबर क्राइम की टीम भी ज्योत्सना उसके पति और मां की कॉल डिटेल खंगाल रही है। हालांकि फरार प्रशांत के दोनों मोबाइल नंबर ऑन नहीं हुए हैं, और ना ही उसने अपने आधार कार्ड पर कोई नया नंबर अभी तक लिया है। पुलिस के मुताबिक इस रैकेट में कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है, जिनकी तलाश की जा रही है।
-लखनऊ से दिनेश के सिंह ‘संजय’ की रिपोर्ट
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