आगरा (उत्तर प्रदेश) के गांव रूपधनू में सामाजिक कार्यकर्ता केतन दीक्षित ने रविवार शाम प्रोजेक्टर पर उडविन की डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म ‘इंडियाज डॉटर’ ग्रामीणों को दिखाई। सूचना मिलते ही सोमवार को पुलिस ने लैपटॉप, प्रोजेक्टर जब्त कर दो लोगों को हिरासत में ले लिया। केतन समेत दो लोगों से थाने में पुलिस ने घंटों पूछताछ के बाद दोनों को एक ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में दे दिया। एसपी ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की की जाएगी।
आगरा (उ.प्र.) के गांव रूपधनू में फिल्म ‘इंडियाज डॉटर’ देखते ग्रामीण
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते भारत में इस फिल्म के प्रसारण पर रोक है। केतन स्टॉप ऐसिड अभियान से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि इस डॉक्युमेंट्री को ‘बैन के खिलाफ विरोध के संकेत’ के रूप में दिखाया गया। वह अपने खिलाफ होने वाली किसी भी कार्रवाई का सामना करने को तैयार हैं। केतन दीक्षित का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करना अनुचित है। वह गांव-गांव जाकर फिल्म दिखाएंगे। फिल्म में अंग्रेजी शब्दों का ज्यादा प्रयोग किया गया है। इसलिए अब इसे हॉस्टल और कॉलेज में दिखाया जाएगा, ताकि लोगों को इस फिल्म का मर्म समझ में आ सके। फिल्म के माध्यम से लोगों में जागरूक किया जा सकता है।
रविवार देर शाम छाया फाउंडेशन व शीरोज हैंग आउट संस्था के पीआर मैनेजर केतन दीक्षित व राहुल कुमार ने आंवलखेड़ा (बरहन) क्षेत्र के गांव रूपधनू में गौरव पुत्र राजवीर सिंह के घर के बाहर प्रोजेक्टर पर फिल्म दिखाई। रविवार की रात ही गौरव को हिरासत में ले लिया गया। उस दौरान ग्रामीणों को भाषानुवाद कर समझाया गया। ग्रामीणों ने पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है। फिल्म दिखाने वालों की तलाश में क्षेत्रधिकारी अखिलेश भदौरिया ने पुलिस टीम के साथ दबिश दी।
बाद में पुलिस ने लैपटॉप, प्रोजेक्टर जब्त कर दो लोगों को हिरासत में ले लिया। बरहन थाने में केतन और राहुल से पूछताछ हुई। फिर दोनों चौकड़ा के ग्राम प्रधान कौशलेंद्र सिंह चौहान की सुपुर्दगी में दे दिए गए। विधि विशेषज्ञों से राय मांगी गई है। फिल्म के प्रतिबंधित होने का उत्तर प्रदेश सरकार को कोई आदेश नहीं मिला है। फिल्म में क्या है, क्या आदेश हैं, पहले इसकी पड़ताल की जा रही है।