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उत्तर प्रदेश

ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट में घिरे होने के आरोपों से बेदाग़ निकले IPS अजय पाल शर्मा, पत्रकार चंदन राय समेत 4 के खिलाफ न्यायालय ने किया केस बंद

ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में घिरे होने के आरोपों से मुक्त हो गये हैं आईपीएस अजयपाल शर्मा। जौनपुर के एसपी अजय पाल शर्मा, पत्रकार चंदन राय समेत चार लोगों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

भ्रष्टाचार निवारण संगठन (विजिलेंस) ने दर्ज हुए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया है। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी को पर्याप्त सबूत नहीं मिल सके। जिन ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधर पर यह मुकदमा दर्ज हुआ था, उन्हीं ऑडियो से आरोपियों का वॉयस सैंपल मैच नहीं हुआ। इसके बाद जांच कर रहे अधिकारी ने मामले में एफआर लगा दी और कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है।

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इस मामले में पहले एसआईटी जांच हुई और फिर सरकार के आदेश पर 19 सितंबर 2020 को नोएडा के पूर्व एसएसपी अजय पाल शर्मा, पत्रकार चंदन राय, स्वप्निल राय और एडवरटाइजिंग एजेंसी संचालक अतुल कुमार शुक्ला के खिलाफ मेरठ विजिलेंस सेक्टर में भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज हुई। ये एफआईआर इंस्पेक्टर विजय नारायण तिवारी की ओर से दर्ज कराई गई थी।

इंस्पेक्टर विजय नारायण तिवारी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले हुए प्रारंभिक जांच में मुकदमे का आधार 6 ऑडियो क्लिप को बनाया था। आरोपियों ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। कोर्ट चाहे तो उनकी आवाज का मिलान करा सकता है। इसके बाद पिछले साल कोर्ट के आदेश पर सभी नामजद आरोपियों का वॉयस सैंपल लेकर लखनऊ लैब में जांच के लिए भेजा गया।

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आईपीएस अजय पाल शर्मा की वॉयस 100 फीसदी मिसमैच मिली, जबकि अन्य तीनों लोगों की वॉयस मैचिंग ग्रेविटी स्टैंडर्ड 60 प्रतिशत से कम पाई गई। ऐसे में वॉयस मैच नहीं होने से नामजद आरोपियों को उसी वक्त इस मामले में राहत मिल गई थी।

इसके बाद 11 फरवरी 2023 को इस मुकदमे के इन्वेस्टिगेशन अधिकारी ने पर्याप्त सबूत के अभाव में फाइनल रिपोर्ट लगाकर एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ में प्रस्तुत किया गया। 23 फरवरी 2023 को कोर्ट में इस रिपोर्ट पर सुनवाई हुई। इस दौरान मुकदमे के वादी वादी विजय नारायण तिवारी ने किसी भी तरह को कोई विरोध नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने इस केस की फाइल को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। एंटी करप्शन कोर्ट के एडीजीसी सत्येंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस सेक्टर-मेरठ में दर्ज मुकदमा संख्या-01/2020 साक्ष्यों के अभाव में न्यायालय ने बंद कर दिया है।

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