दैनिक जागरण की घटिया और एकतरफा पत्रकारिता के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने मोर्चा खोल दिया है. इस संघी अखबार में छपी कई खबरों पर आपत्ति जताते हुए केजरीवाल सरकार के विधायकों ने प्रकरण सदन में उठाया. विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे मामले को विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया है. आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा और विपक्ष ने इस कदम का विरोध किया है.
सदन में दैनिक जागरण के खिलाफ मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने पर कपिल मिश्रा ने कहा कि दैनिक जागरण अखबार के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में अवमानना का प्रस्ताव जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि इस हरकत से आज विधानसभा ने अपना कद बहुत छोटा कर लिया. ऐसा प्रस्ताव सीधे सीधे अखबार और पत्रकार और मीडिया की आजादी पर हमला है, डराने की कोशिश है. पत्रकार तो सरकार के खिलाफ बोलते ही हैं. लेकिन जब सरकार पत्रकार और अखबार के खिलाफ बोलने लगे और चुप कराने की कोशिश करने लगे तो यह ही उस पत्रकार और अखबार की निष्पक्षता का सबसे बड़ा मेडल है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार में बैठे लोग अखबार में अपने मन माफिक खबरें छपवाना चाहते हैं. सरकार ने प्रेस की आजादी पर हमला किया है. हम इसके खिलाफ एडीटर्स गिल्ड और कोर्ट में भी जाएंगे.