दोस्तों इन दिनों हिन्दुस्तान में गजब का खेल चल रहा है। धड़ल्ले से sub एडिटर को कंटेंट क्रियेटर चीफ सब और न्यूज़ एडिटर तक को कंटेंट एडिटर बना दिया जा रहा। फिर भी हिन्दुस्तान के साथी कुछ बोलने को तैयार नहीँ है।
संपादक के पिछलग्गू बने हुए हैं। अपने अधिकारों को लेकर थोडा भी सजग नहीँ है। कुछ तो जागरण के श्रीकांत सिंह से सीखो, जो अपने अधिकार के लिए लड़ रहा है। प्रबंधन के लाख दबाने के बाद भी लड़ रहा है। भड़ास ने इतने दिनों से जगाने का प्रयास किया फिर भी नहीँ जग रहे। भड़ास के संपादक यशवंत सिंह ने अपने नाम से लड़ने की बात कही सिर्फ इन लोगों को पीछे से खड़ा रहना था, वो भी हिंदुस्तानी नहीँ कर पाये। अब भी मौका है हिन्दुस्तानी भाइयो वकील परमानन्द पाण्डेय या भड़ास के वकील उमेश शर्मा से संपर्क करो और अपनी लड़ाई लड़ो। झारखण्ड और यूपी में बड़े पैमाने पर न्यूज़ एडिटर तक को कंटेंट एडिटर बना दिया गया है। साथ ही उनके सेलरी स्लिप को भी 2010 से बदल कर कंटेंट एडिटर या क्रियेटर बना दिया गया है।
अमर सिंह के फेसबुक वॉल से