आगरा/दिल्ली : स्वाइन फ्लू से पीड़ित इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा) के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र रघुवंशी नहीं रहे। रघुवंशी को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अपने पत्रकार पिता राजेंद्र रघुवंशी के पदचिह्नों पर चलते हुए वह अपने नाट्य सरोकारों के नाते आजीवन आगरा के जन-जन की धड़कनों में समाए रहे। दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
रघुवंशी (65) पिछले साल तक आगरा विश्वविद्यालय में विदेशी भाषा विभाग के प्रमुख रहे थे और भाकपा के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने इप्टा के महासचिव के तौर पर ब्रज इलाके में रंगमंच धरोहर को जिंदा रखा और वर्षों तक कई कलाकारों को प्रशिक्षित किया। रघुवंशी के परिवार में उनकी पत्नी भावना, एक बेटा और एक बेटी है।
प्रख्यात आलोचक वीरेंद्र यादव ने लिखा है- ‘अभी अभी अत्यंत दुखद और स्तब्धकारी समाचार मिला है कि हम सब के दोस्त और इप्टा के अखिल भारतीय महासचिव कामरेड जीतेन्द्र रघुवंशी आज हमारे बीच नही रहे। …सचमुच पहाड़ सरीखा दुःख..।’
कोलकाता से पलाश विश्वास लिखते हैं – ‘भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा )के राष्ट्रीय महासचिव, हम सब के प्रिय साथी कामरेड जितेंद्र रघुवंशी का आज सुबह लगभग 8 बजे निधन हो गया। वे दिल्ली में आई सी यू में थे। उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था। यह अप्रत्याशित है। हम स्तब्ध हैं।’
प्रगतिशील लेखक संघ रायपुर ने उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है…. ‘कामरेड जितेंद्र रघुवंशी ने छत्तीसगढ़ में इप्टा को शहरों कस्बों और गांवों में न केवल जिंदा और सक्रिय रखा बल्कि देश भर के रंगकर्मियों को जोड़ने में उनकी खास भूमिका रही है। वे इधर नाचा गम्मत के कलाकारों निसार अली जैसे रंगकर्मियों को लेकर छत्तीसगढ़ के सारे रंगकर्मियों और थिएटर और रंगकर्म से जुड़े हमर संगठन को एकजुट करने में लगे थे। हम रंग चौपाल शुरु करने की प्रक्रिया में, देश भर के रंगकर्मियों को मौजूदा हाल में जनमोर्चा बनाने के सिलसिले में उनके नेतृत्व के भरोसे थे। यह बहुत बुरी खबर है भारतीय रंगमंच और खास तौर पर केसरिया कारपोरेट राज के खिलाफ मोर्चाबंद रंगकर्मियों के लिए। अब हमें नये सिरे से किलेबंदी में लगना होगा और इस महबूब कामरेड के किये धरे को सार्थक बनाने का आंदोलन जारी रखना होगा।’
उरई (जालौन) में एक आकस्मिक शोक-बैठक में कामरेड रघुवंशी को श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा, इप्टा अध्यक्ष उरई डॉ.सतीशचंद्र शर्मा, इप्टा महासचिव राज पप्पन, रंगकर्मी एवं देवेंद्र शुक्ला, रंगकर्मी संजीव शुक्ला, के.के. गुप्ता आदि ने कहा कि उनका निधन उन समस्त जागरूक लोगों के लिए एक गहरा आघात है, जो जनद्रोही ताकतों से लड़ रहे हैं।