Anil Sinha-
बिहार के जाने-माने पत्रकार जुगनू शारदेय का आज दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में निधन हो गया. वह न्यूमोनिया से ग्रस्त हो गए थे और उन्हें वृद्धाश्रम की गढ़मुक्तेश्वर स्थित शाखा से दिल्ली लाया गया था.
सामाजिक कार्यकर्त्ता राजेंद्र रवि उनकी स्थितियों की लगातार जानकारी ले रहे थे, लेकिन उनकी मृत्यु की जानकारी आश्रम वालों ने दाह संस्कार के बाद दी क्योंकि आश्रम में पुलिस ने लावारिस बता कर भर्ती कराया था. राजेंद्र ने श्मशान जाकर उनकी ठंडी हो गयी चिता पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
उनकी मृत्यु के समय उनका कोई रिश्तेदार या मित्र उनके पास नहीं था. परिवार से वह बहुत पहले निकल गए थे और मित्रों के एक विशाल समूह में विचरते रहते थे. उन्हें जानने वालों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद भी शामिल हैं.
समाजवादी आंदोलन से निकले जुगनू अपनी धारदार लेखनी और मनमौजी जीवनशैली के लिए मशहूर थे.
जिंदगी के कुछ आखिरी साल उन्होंने बीमारी और अकेलेपन में काटे. दिल्ली में जब बीमार हालत में उन्हें लक्ष्मीनगर पुलिस ने अपने सरक्षण में लिया और वृद्धाश्रम में दाखिल कराया तो कई पत्रकारों और सामजिक कार्यकर्ताओं ने उनकी देखरेख की व्यवस्था के लिए बिहार के मुख्यमंत्री से अपील की, लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला.
वह आश्रम में खासा लोकप्रिय थे और आश्रम के कर्मचारी उन्हें जुगनू दादा कह कर पुकारते थे. अपने अंतिम दिनों में भी उनकी याददाश्त और हंसी कायम रही. अकेला छोड़ देने वाले मित्रों को लेकर उन्हें कोई शिकायत नहीं थी. उनका आत्मविश्वास भी बना हुआ था. जुगनू जी को नमन.
sanjog walter
December 15, 2021 at 6:51 pm
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