Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

कहानी एक नए न्यूज चैनल की : फुर्र हुए बंटी-बबली!

मनोज बी.-

चैनलों की दुनिया में हर दूसरे-तीसरे महीने किसी नए चैनल के खुलने की ख़बर आती रहती है। मीडिया से कमाई के लालच में नए- नए ठेकेदार पैदा हो रहे हैं जो कुछ दिन तो चैनल की गाड़ी खींचते हैं, लेकिन बाद में या तो चैनल ही बंद कर देते हैं या फिर पत्रकारों को सेलरी ही नहीं देते। ऐसे में महीनों तक बिना वेतन के काम करने वाले पत्रकार इधर-उधर शिकायत करके शांत हो जाते हैं क्योंकि मालिकों के पास अपने बचाव के सभी हथकंडे मौजूद होते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हम आपको बताते हैं नोएडा सेक्टर-4 से चलने वाली ऐसी ही एक मीडिया-दुकान के बारे में जिसे न्यूवेज़ चैनल के नाम से कभी ढोंगी तिवारी चलाया करते थे। ये वह जगह थी जहाँ से कभी लफंगा चैनल चला करता था। दिसंबर-जनवरी के आसपास उसी जगह से ढोंगी तिवारी ने न्यूवेज़ चैनल लॉन्च किया।

मूल रूप से जयपुर के रहने वाले ढोंगी तिवारी की न्यूवेज़-मीडिया की दुकान खुलने के दो-तीन महीने बाद ही ठप्प पड़ गई। चैनल में काम करने वाले वाले मीडियाकर्मियों को ढोंगी ने आश्वासन दिया कि आज नहीं तो कल, तनख्वाह ज़रूर मिलेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस बीच, कोरोना की आड़ में ढोंगी तिवारी ने कुछ दिनों के लिए चैनल बंद कर दिया। इस बीच वो कोई नया मुर्ग़ा ढूँढते रहे जिसको चैनल बेचा जा सके।

ढोंगी तिवारी को क़िस्मत से लखनऊ-सुल्तानपुर के लौलव सिंह टकरा गए जिनके मन में मीडिया का रूपर्ट मर्डॉक बनने की प्रबल इच्छा थी। उनके इस सपने को पंख देने का काम न्यूवेज़ के ही कुछ वरिष्ठ मीडियाकर्मियों ने किया। लौलव सिंह और ढोंगी तिवारी की आनन-फ़ानन में मुलाक़ात करवाई गई और एक दिन ढोंगी तिवारी अपने समस्त कर्मचारियों को बुलाकर घोषणा करते हैं कि आज से चैनल के नए मुखिया लौलव सिंह और उनकी पत्नी मन्या सिंह होंगी। लौलव सिंह ऐलान करते हैं कि चैनल में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का वेतन वो ख़ुद देंगे। इसके बाद ढोंगी तिवारी ग़ायब हो जाते हैं और नए मुखिया के तौर पर लौलव सिंह और उनकी पत्नी मन्या सिंह काब़िज़ हो जाते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

क़िस्सा आगे बढ़ाने से पहले हम आपको बता दें कि लौलव सिंह अपने पिता के साथ लखनऊ और सुल्तानपुर में ठेकेदारी का काम करते थे। उनके किसी मीडिया से जुड़े जानकार ने लौलव को ज्ञान दिया कि चैनल के धंधे में पैसा ही पैसा है। पैसा कमाने और मीडिया में नाम कमाने के लालच में लौलव सिंह नोएडा चले आए।

सूत्रों ने बताया कि लौलव सिंह लाल बत्ती वाली महंगी गाड़ी में नोएडा के एक बड़े हॉटेल में ढोंगी तिवारी की मीटिंग के लिए पहुँचे थे। बताया रहा है लौलव सिंह ने मीटिंग के लिए एक कॉन्फ़्रेंस रूम किराए पर लिया था। लौलव सिंह के ये तेवर देख ढोंगी तिवारी को लगा था कि मुर्ग़े में दम है। ऐसे ही लौलव सिंह की पत्नी मन्या लखनऊ में एक ब्यूटी पार्लर चलाया करती थीं जो अब न्यूवेज़ की डायरेक्टर बनने वाली थीं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब आग़े का क़िस्सा सुनिए। 5 जुलाई को लौलव सिंह नए चैनल में हवन करते हैं और चैनल की एक नयी टीम बनाते हैं जिसमें कुछ पुराने लोगों को भी शामिल कर लिया जाता है, बाक़ियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। पुराने कर्मचारियों को उम्मीद थी कि लौलव सिंह उनके बकाए वेतन का भुगतान करेंगे। इन कर्मचारियों ने लौलव सिंह से वेतन की बाबत संपर्क करना शुरू कर दिया। लौलव सिंह की ओर से कुछ टालमटोल और व्यस्तता के बहानों के बाद पूर्व कर्मचारियों को आभास हो गया कि दरअसल लौलव सिंह, ढोंगी तिवारी का ही दूसरा संस्करण है।

अब पूर्व कर्मचारियों ने नियमित रूप से चैनल आना शुरू कर दिया ताकि लौलव पर दबाव बनाया जा सके। एक दिन पूर्व कर्मचारियों ने चैनल में ही लौलव सिंह का घेराव कर लिया। लौलव सिंह ने जान छुडाने के लिए बोल दिया कि तीन दिन बाद सबको पैसा दे दूंगा। इस बारे में भड़ास में भी कई ख़बरें छपी थीं। निश्चित दिन जब सब कर्मचारी चैनल पहुँचे तो लौलव ने उनमें से कुछ लोगों को दस से पंद्रह दिन आगे की तारीख़ के चेक थमा दिए। अन्यों को अगले सप्ताह आने को कहा गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूर्व कर्मचारियों को आस बंधी कि चलो जैसे कुछ को मिले, वैसे हमें भी मिल जाएंगे। लेकिन मामला यहीं पर नहीं रुका। निश्चित तारीख़ पर जब चेक जमा करवाए गए तो सारे चेक बाउंस हो गए। अब इस बात पर पूर्व कर्मचारियों ने पुलिस और लेबर कमिश्नर के यहाँ भी शिकायत की, जिसका आज तक कोई नतीजा नहीं निकला।

अब बात चैनल की करते हैं। जुलाई का महीना ख़त्म होने के साथ ही न्यूवेज़ में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन का समय हो गया। काम करने वाले कर्मचारियों से कहा गया कि अगस्त के पहले सप्ताह में वेतन दे दिया जाएगा। 6-7 अगस्त को जब न्यूवेज़ के वर्तमान कर्मचारी चैनल में पहुँचे तो उन्हें नीचे गेट पर ही रोक लिया गया। गेट पर तैनात गार्डस ने बताया कि लौलव सिंह ने न तो बिल्डिंग का किराया दिया और न ही चैनल के किराए पर लिए गए उपकरणों आदि का कोई भाड़ा दिया है। इसलिए बिल्डिंग मालिक ने कहा है कि न्यूवेज़ के किसी भी कर्मचारी को अंदर नहीं आने दिया जाए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उसी दिन एयरटेल पर अब तक दिख रहा न्यूवेज़ चैनल भी दिखना बंद हो गया क्योंकि लौलव सिंह ने सैटेलाइट की भी कोई फ़ीस नहीं दी थी। यानी कुल मिलाकर लौलव सिंह और मन्या सिंह पूरे एक महीने तक मुफ़्त में चैनल के मालिक बने रहे। इस बंटी-बबली की जोड़ी ने न तो किसी कर्मचारी को तनख्वाह दी, न बिल्डिंग का किराया दिया, न कैमरे आदि उपकरणों का भाड़ा दिया और तो और चाय वाले तक का पैसा खा गए। लेकिन कहानी अभी बाक़ी है….।

तीन-चार दिन बाद लौलव सिंह ने अपने कर्मचारियों को फ़ोन करके बताया कि उन्होंने फ़िल्म सिटी में ऑफ़िस ले लिया है और अब चैनल वहीं से चलेगा। हताश कर्मचारियों के चेहरे खिल उठे। जल्द ही नए चैनल में हवन किया गया और कर्मचारियों ने फ़िल्म सिटी की नयी इमारत से काम शुरू कर दिया। लौलव सिंह ने अब अपने बचाव के लिए एक बॉक्सर की सेवा भी ले ली। अपने चैनल के कर्मियों पर प्रभाव डालने के लिए लौलव सिंह ने उधार में एक नहीं, दो नहीं, पूरे पचपन बिग स्क्रीन टीवी सेट चैनल में लगवा दिए ताकि लगे कि बहुत जल्द कोई बड़ा राष्ट्रीय चैनल आ रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब लौलव सिंह ने नया पैंतरा खेला। अपने मुँहलगे आउटपुट एडीटर के ज़रिए उन्होंने चैनल के लिए नए-नए फ़ाइनेंसर्स ढूँढने शुरू कर दिए। कुछ इस साज-सज्जा से प्रभावित होते, कुछ पैसा दे जाते, कुछ को ब्यूरो का ठेका दे दिया जाता। लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह फिर भी नहीं मिली।

बिन पैसा सब कुछ चल रहा था। समस्या तब हुई जब इस नयी बिल्डिंग के मालिक ने महीने भर बाद पैसा मांगा। एक रात लौलव सिंह ने अपने स्टूडियो में लगे कुछ टीवी सेट अपनी में गाड़ी में धरवाए और चले गए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अगले दिन ड्यूटी पर पहुँचे कर्मचारियों को पता चला कि लाला जी नौ-दो ग्यारह हो गए। फ़िल्म सिटी से लापता होने के बाद भी लौलव सिंह फ़ोन पर अपने कर्मचारियों को भरोसा देने में क़ामयाब रहे कि जल्द ही नया चैनल लाउंगा, सबको तनख्वाह दूंगा और हमारे अच्छे दिन फिर आएंगे।

बाद में पता चला कि बंटी-बबली की इस जोड़ी ने टीवी स्क्रीन भी उधार में मंगवाए थे जिसका भुगतान किए बग़ैर दोनों उस गाड़ी से भागे जो ख़ुद किसी और की थी। लौलव-मन्या फ़िलहाल लापता हैं। न्यूवेज़ के हताश कर्मचारी उन्हें ढूंढ रहे हैं। अग़र आपके मुहल्ले-पड़ोस में पाए जाएं तो कृपया सावधान हो जाएं। हो सकता है एक कटोरी चीनी ही उधारी में लेने आ जाएं, बाद में पता चले कि कटोरी भी ले उड़े….।

Advertisement. Scroll to continue reading.

(उपरोक्त कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है. चैनल और मालिकों के असली नाम बदल दिए गए हैं.)

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. Amit

    February 28, 2021 at 9:17 am

    भाई साहब जब सबकुछ असली घटना पर आधारित हैं तो नाम बताने में इतनी काहे फट रही है। आपको तो उनका असली नाम बताना चाहिए तांकि फिर उनका कोई और शिकार न हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement