सुल्तानपुर : पांच दिन पूर्व दिनदहाड़े गोली मारकर की गई पत्रकार की हत्या मिट्टी के अवैध खनन और पैसे के लेन-देन में हुई थी। इसके लिए भाड़े के शूटर का इस्तेमाल किया गया था। एसटीएफ और जिले की पुलिस ने हत्या में शामिल मुख्य साजिशकर्ता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। पत्रकार की हत्या करने वाले शूटर समेत दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास में जुटी है। आईजी जोन लखनऊ ए सतीश गणेश ने बृहस्पतिवार को पुलिस लाइंस सभागार में घटना का खुलासा किया। अंबेडकरनगर जिले के हंसवर के तरौली मुबारकपुर गांव निवासी करुण मिश्र लखनऊ से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक के ब्यूरो चीफ थे।
बीते 13 फरवरी की सुबह करीब नौ बजे करुण अपने बुआ के बेटे अभिषेक दीक्षित पुत्र गोविंद प्रसाद निवासी रामनगर कोट के साथ कार से अंबेडकरनगर जा रहे थे। रास्ते में गोसाईगंज थाना क्षेत्र के इनायतपुर के पास बाइक सवार तीन युवकों ने गोली मारकर करुण की हत्या कर दी थी। हत्या में शामिल राहुल सिंह निवासी इमिलिया कला, पवन सिंह निवासी रामनगर कोट, संदीप सिंह निवासी माल्हा थाना कोतवालीनगर, अजय सिंह निवासी कादीपुर, हैदर अब्बास उर्फ गब्बर निवासी मनियारपुर थाना कुड़वार को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त नाइन एमएम पिस्टल और दो तमंचा समेत 20 हजार रुपये नगद बरामद कर लिया।
आईजी जोन लखनऊ ए सतीश गणेश ने बताया कि राहुल सिंह मिट्टी के अवैध खनन के कारोबार में लिप्त है। अवैध खनन के कारोबार के लिए राहुल ने दो जेसीबी व कई ट्रैक्टर बैंक से फाइनेंस कराया था। पत्रकार करुण मिश्र ने जिला प्रशासन व स्थानीय कुड़वार पुलिस की मदद से राहुल सिंह की खनन में प्रयुक्त जेसीबी व ट्रैक्टर को सीज करा दिया था। राहुल ने कुछ धनराशि करुण को दी थी। बाद में पैसे को लेकर पत्रकार और राहुल के बीच दूरियां बढ़ गईं। राहुल के खनन कार्य बंद होने से राहुल को बैंक से फाइनेंस जेसीबी और ट्रैक्टर की किस्त देने में परेशानी होने लगी। इस दौरान करुण का संदीप सिंह से भी विवाद हो गया।
संदीप सिंह को करुण ने किसी फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दी थी। इससे संदीप भी करुण से रंजिश रख रहा था। राहुल ने करुण को रास्ते से हटाने के लिए संदीप से संपर्क किया और उसे एक लाख रुपये की सुपारी दी। सुपारी लेने के बाद संदीप ने ही भाड़े के शूटर मामा से संपर्क साधा। करुण की हत्या से पूर्व 11 और 12 फरवरी को मामा, अमन सिंह, संदीप सिंह हैदर अब्बास ने रेकी की थी। 13 फरवरी को करुण की हत्या की प्लानिंग के तहत विवेकनगर चौराहे से दो मोटर साइकिलों पर पांच लोग बैठकर करुण की कार का पीछा करते हुए इनायतनगर के पास पहुंचे थे।
अवैध खनन का काम बंद होने से तिलमिलाए राहुल सिंह ने करुण की हत्या से पहले उसे दो बार समझाने की कोशिश की थी। करुण के न मानने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। पुलिस हिरासत में पकड़े गए आरोपी राहुल ने बताया कि पांच फरवरी को वह और पवन सिंह व संदीप सिंह करुण से मिलने अंबेडकरनगर गए थे लेकिन करुण ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। करुण की हत्या के वक्त कार चला रहे रिश्तेदार अभिषेक दीक्षित की भूमिका की जांच चल रही है। आईजी ने बताया कि हत्या के दिन 12.28 मिनट पर अभिषेक के मोबाइल पर राहुल सिंह ने फोन किया था। राहुल ने अभिषेक से कहा था कि मृतक के घर और आस-पास नजर रखे कि हत्या में किसका नाम आ रहा है।
आईजी ए सतीश गणेश ने पत्रकार करुण मिश्र की हत्या के पीछे अवैध खनन के काले कारोबार को माना है। आईजी ने कहा कि अवैध खनन क्यों, कहां और कैसे हो रहा है, ये अनुत्तरित प्रश्न है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन न होता तो पत्रकार की हत्या न होती। आईजी जोन ए सतीश गणेश ने कहा कि पांच दिन में हत्या का खुलासा करने में एसटीएफ के एएसपी रसीद खां, जिले के स्वॉट/ सर्विलांस सेल प्रभारी अजय प्रताप सिंह, नगर कोतवाल वीपी सिंह, एसआई शिव प्रकाश सिंह, एसओ गोसाईगंज देवेश कुमार सिंह, सिपाही प्रवेश कुमार व अनुराग की अहम भूमिका है। आईजी जोन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए संदीप सिंह पर सुल्तानपुर, आजमगढ़, फैजाबाद में हत्या, हत्या के प्रयास व गैंगदस्टर से संबंधित कुल नौ मुकदमें दर्ज हैं। अभियुक्त अमन के खिलाफ तीन जिलों में सात मुकदमें, पवन कुमार सिंह के खिलाफ छह और अजय सिंह के विरुद्घ दो मुकदमें पंजीकृत हैं।