कनक तिवारी-
निहायत घटिया और असंवैधानिक कृत्य! चाटुकारिता ने संविधान को अपने नीचे दबा दिया। यह खाली कुर्सी इस अरविंद केजरीवाल की है जिस पर उसकी आत्मा बैठी है। देह तो नहीं है क्योंकि बिना कुर्सी के उसकी आत्मा जीवित नहीं रह सकती।
यह वही केजरीवाल है जिसने पंजाब की सरकार के इसी कक्ष में मुख्यमंत्री के गांधी जी की तस्वीर को बेशर्मी से हटा दिया था और जब मुसीबत आती है तो राजघाट जाकर गांधी जी की समाधि के सामने सिर झुकाकर रियायत मांगता है।
मुख्यमंत्री का दफ्तर एक संवैधानिक स्थल है और मुख्यमंत्री की कुर्सी ही संवैधानिक पद की प्रतीक है। उसके आसपास कोई कुर्सी रखना? मुख्यमंत्री का दफ्तर है कि किराया भंडार है।
अमित चतुर्वेदी-
आतिशी मारलेना सीएम की कुर्सी जिस पर केजरीवाल बैठते थे उसमें नहीं बैठेंगी वो कुर्सी ख़ाली रख कर उसके बाज़ू में दूसरी कुर्सी पर बैठेंगी।
सीएम वाली ख़ाली कुर्सी पर केजरीवाल की आत्मा बैठेगी और वो दिन भर आतिशी से एक ही बात कहेगी…
आतिशी, मार(मत)लेना !
देखें तस्वीर…
दया शंकर राय-
कहने को तो ये विदेशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त हैं पर गुलामी और अवसरवादी चाटुकारिता की मानसिकता इतने गहरे जड़ें जमाये है कि इन्हें न खुद की गरिमा का खयाल है न ही संवैधानिक मर्यादा का ..! अरे ये तो सोचो मोहतरमा कि मुख्यमंत्री कार्यालय कोई पंसारी की दुकान नहीं है.! अपनी कुर्सी वाली तौलिया केजरीवाल साहब लगता है अपने साथ लेते गये हैं..!
प्रज्ञा सिंह-
तस्वीरें बोलती हैं! बाकी लोग अपने अपने तरीके से विश्लेषण करते रहें । सत्ता का एक ही सिद्धांत होता है उसके अलावा सब अलग – अलग आवरण है समाजवाद, साम्यवाद, पूंजीवाद अन्य भी। सत्ता हासिल होने के बाद मनुष्य की प्रकृति ही सामंतवादी हों जाती है जहा सुधार की कोई गुंजाइश नहीं होती।
मनीष यादव-
आतिशी ने CM की कुर्सी खाली छोड़ी: कहा- ये केजरीवाल का इंतजार करेगी; भरत ने खड़ाऊं रखकर सिंहासन संभाला था, मैं दिल्ली संभालूंगी
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार (23 सितंबर) को पदभार संभाल लिया। वह आज सुबह करीब 12 बजे CM ऑफिस गईं और सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान आतिशी ने CM ऑफिस में एक खाली कुर्सी छोड़ी दी और खुद दूसरी कुर्सी में बैठीं।
आतिशी ने कहा- उन्होंने ये खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ी है। मुझे पूरा भरोसा है फरवरी में चुनाव बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर से इसी कुर्सी पर बिठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और केजरीवाल जी का इंतजार करेगी।
दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गईं।
संजय कुमार सिंह-
आतिशी की आलोचना आसान है। भक्त गण दूसरे मामले की तारीफ करते रहे हैं। देखें ये पुरानी खबर!