किसान आंदोलन मामले में एक पत्रकार ने अदालत में दावा किया कि प्रदर्शन को कवर करते समय हरियाणा पुलिस ने उनके सिर पर आंसू गैस का गोला मारा. पत्रकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
पत्रकार नील भलिंदर जो कि पंजाब सवेरा के लिए काम करते हैं, ने अदालत को बताया कि, 13 फरवरी को जब वह किसान प्रोटेस्ट को कवर कर रहे थे तभी पंजाब के अधिकार क्षेत्र हरियाणा पुलिस द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोले की चपेट में आने से उनके सिर में गंभीर चोटें आईं. याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के अधिकारियों द्वारा हजारों पत्रकारों को शारीरिक हिंसा और गोलियों से घायल किया गया.
याचिका में कहा गया कि यह सीमा पंजाब के अधिकार क्षेत्र में होने के बावजूद हरियाणा पुलिस द्वारा की गई हिंसा की कई घटनाओं का स्थल रहा है.
पत्रकार ने तर्क दिया कि मीडियाकर्मियों पर हमले अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. उन्होंने पंजाब के भीतर आंदोलन में शामिल लोगों को प्रभावित करने वाली कार्रवाई को लेकर हरियाणा पुलिस के अधिकार और जवाबदेही पर सवाल उठाया.
याचिका में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने शंभू बॉर्डर पर पत्रकार की अनुचित पिटाई और निर्दोष नागरिकों पर हमला करने से सभी पुलिस अधिकारियों को रोकने के लिए उचित निर्देश देने की अपील की. याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट हाकम सिंह और देवप्रीत सिंधु ने पक्ष रखा.