इस तस्वीर को गौर से देखिए….ये शख्स जो सूट बूट में खड़ा है, ये एक नवनिर्वाचित विधायक है। दो गज की धोती लपेटे उनके पिताजी और हवाई चप्पल वाली महिला उनकी माताजी हैं। ये तस्वीरें बता रही हैं कि इस सफलता की कहानी संघर्ष के जरिए लिखी गई हैं।
हमारे देश में हर चुनाव नतीजां के साथ दिलचस्प तथ्य, किस्से कहानियों का दौर शुरु हो जाता है। कुछ ही दिनों पहले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी सामने आ गए। इस बीच रतलाम जिले की सैलाना सीट का जिक्र खूब हुआ। ये सीट अपने नवनिर्वाचित विधायक कमलेश्वर डोडियार की वजह से चर्चा में रही।
अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कभी दिहाड़ी मजदूर रहे कमलेश्वर डोडियार ने डिलीवरी ब्वॉय का भी काम किया है। कमलेश्वर की उम्र महज 33 साल है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि भाजपा और कांग्रेस के वर्चस्व वाले मध्यप्रदेश में कमलेश्वर नई नई गठित हुई भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतने में कामयाब रहें। बता दें कि इस नई भारत आदिवासी पार्टी ने राजस्थान की विधानसभा में भी 03 सीटें अपने नाम की।
सैलाना विधानसभा सीट से कमलेश्वर डोडियार महज 4618 वोट से जीते। उन्होंने कांग्रेस के हर्ष विजय गहलोत को हराया। भाजपा की संगीता चारेल यहां तीसरे नंबर पर रहीं। कमलेश्वर की जीत अपने आप में बेहद आश्चर्यजनक रही। उनके पास न तो धन था, न साधन, न संसाधन और न कोई मजबूत सोशल मीडिया उपस्थिति….फिर भी बाजी उनके नाम रही।
चुनाव जीतने के बाद कमलेश्वर अपनी 100 सीसी की बाइक पर विधायक का स्टिकर लगाकर लगभग 300 किलामीटर की यात्रा कर राजधानी भोपाल पहुंचे। विधानसभा का सत्र शुरु होने से पहले कमलेश्वर ने मोदी स्टाइल में सदन में नतमस्तक होकर अंदर एंट्री ली।
कमलेश्वर डोडियार बताते हैं कि उनके पास एक बाइक और 2000 मजबूत कार्यकर्ताओं का समर्थन था। उनका परिवार आज भी ईंट और मिट्टी से बने घर में रहता है। पिता अंडे बेचा करते थें और मां खेतिहर मजदूर थीं। पांच बड़े भाई भी मजदूरी से घर चलाते थें। डोडियार ने भी मजदूरी के पैसे से ग्रेजुएशन किया और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली से डोडियार ने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपना आदर्श मनाने वाले विधायक कमलेश्वर डोडियार वकालत की पढ़ाई पूरी कर घर लौटें और यहां पर सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए। कमलेश्वर अब विधायक हैं।