तमाम जद्दोजहद के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया मामले में अवमानना संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई की तिथि नियत कर दी है। सुनवाई आगामी 26 अप्रैल को होगी। सुनवाई की तिथि नियत होते ही मीडिया घरानों की फिर नींद उड़ गई है।वहीं मजीठिया की जंग लड़ रहे पत्रकारों के चेहरे फिर उम्मीद की किरण के साथ खिल उठे हैं। पिछले दिनों कई बार अवमानना का केस लगने के बाद भी सुनवाई टल गई थी। तारीख न लगने से पत्रकारों में निराशा बढ़ रही थी। मीडिया घराने भी बेफिक्र हो गए थे।
तमाम अख़बार फुर्सत में आकर मजीठिया को लेकर आवाज उठाने वालों के उत्पीड़न की नई-नई तरकीबें निकालने लगे। उत्तरप्रदेश में तो आगरा, बरेली और लखनऊ में मजीठिया के क्लेम पर 30 आरसी जारी होने के बाद से हिंदुस्तान अखबार के प्रबंधन की चूलें हिली हुई हैं। कार्रवाई से घबराये हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर और उनके चिंटू संपादक और पत्रकार यूपी के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के गणेश परिक्रमा में जुट गए है।
शशि शेखर की योगी से मुलाकात होने की भी खबरें आ रही हैं।हालाँकि गोरखपुर में हिंदुस्तान अखबार में काम कर चुके, “हिंदवी” (सीएम योगी का अखबार, जो अब बंद हो चुका है) के पूर्व विशेष संवाददाता और इन दिनों स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सक्रिय वेद प्रकाश पाठक ने एक ट्वीट के माध्यम से सीएम योगी को सतर्क किया है। वेद ने ट्वीट के जरिये सीएम को आगाह किया है कि वे शशि शेखर जैसे संपादक से सतर्क रहें, जो पत्रकारों का मजीठिया वेज बोर्ड का एरियर व वेतन निगल चुके हैं।
बताते है कि हिंदुस्तान अखबार प्रबन्धन के खिलाफ 30 आरसी जारी हो चुकी हैं। ये सभी आरसी लखनऊ, आगरा और बरेली के श्रम विभाग से जारी हुई हैं। प्रबन्धन इन्हें री-कॉल कराने की तैयारी में है। ये सभी आरसी मजीठिया वेज बोर्ड के नान-इम्प्लीमेंटेशन से जुड़ी हैं। री-कॉल के बाद प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रबन्धन आरसी रद्द करवाना चाहता है। बगैर शासन और सरकार के सहयोग के यह कार्य संभव न होगा। इस काम के लिये अखबार प्रबन्धन बड़ी चालाकी से यूपी के नये सीएम योगी आदित्यनाथ की खुशामद में जुटा हुआ है। संपादक शशि शेखर का मकसद यूपी में हिंदुस्तान अखबार के खिलाफ लगभग 40 वादों को प्रभावित करना है।
हिंदुस्तान प्रबंधन श्रमायुक्त और श्रममंत्री की खुशामद में भी लगा है। बरेली से खबर है कि हिंदुस्तान के मजीठिया क्रन्तिकारी पंकज मिश्रा, मनोज शर्मा, निर्मल कान्त शुक्ला, राजेश्वर विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय माँगा है ताकि मजीठिया मामले में हिंदुस्तान प्रबंधन की असलियत, झूठ, फरेब व् कर्मचारियों के उत्पीड़न/बेइंतहा जुल्म से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जा सके।मजीठिया क्रन्तिकारी पंकज मिश्रा का कहना है कि हिन्दुस्तान बेनकाब हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट में अवमानना से बचने के लिए हलफनामा दे चुका कि वह मजीठिया से ज्यादा वेतन दे रहा है। जबकि कर्मचारी मजीठिया के वेतनमान व् एरियर के लिए श्रम विभाग में क्लेम लगाकर इनकी आरसी कटवा चुके हैं।इसी से इनका सुप्रीम कोर्ट का हलफनामा झूठा साबित हो रहा है।
इसे भी देखें… नीचे क्लिक करें…
Raj
April 26, 2017 at 2:46 am
Kuch nahi hoga bas date milegi dekhna