पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार
रायबरेली : किसी मामले को लेकर एक बार लुट जाना सामान्य बात है। लेकिन किसी मामले में कोई तीन तीन बार लुट जाए तो वह हंसी से ज्यादा दया का पात्र बन जाता है। रायबरेली में भी कुछ ऐसा हुआ है। पत्रकारिता में घुसकर सडांध पैदा करने वाले ब्लेकमेलर पत्रकारों ने मिलकर एक व्यक्ति को एक बार नही बल्कि तीन दफा लूट डाला। ब्लैकमेलिंग करके लाखों रुपया तो लूटा ही साथ मे पीड़ित को पैसा वापिस मांगने पर फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी तक दी जा रही है। पीड़ित ने तथाकथित पत्रकारों से परेशान होकर पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत पत्र देकर लाखों रुपया वापिस करवाने और जान माल की सुरक्षा की दरखास्त दी है।
इंदिरा नगर के रहने वाले तौफीक अहमद ने शिकायत पत्र में 4 पत्रकारों के खिलाफ शिकायत पत्र दिया है। तौफीक ने बताया कि 27 मई को शाम 5 बजे गिरीबशाह का पुरवा (अहमदपुर नजूल ) में प्लाट पर बाउंड्री वाल बनवा रहा था । तभी राम सजीवन चौधरी निवासी जेतुपर मेरे प्लाट पर आए और कहा कि मैं पत्रकार हूँ और तुम गलत निर्माण करवा रहे हो। उपजिलाधिकारी से मेरा लेनदेन चलता है। अगर कुछ खर्चा दोगे तो मैं तुम्हारा निर्माण कार्य करवा दूंगा। यह कहकर पार्थी से 50 हजार रुपए ले लिये।
इसके बाद नरेंद्र त्रिपाठी पत्रकार मेरे पास आये और कहा कि एसडीएम नही मान रही हैं पैसा देना पड़ेगा। और मुझसे 1 लाख 40 हजार रुपये की मांग की जिसको मेने मेरे मेट से इकरार अहमद निवासी गोरा बाजार व अनीस अहमद निवासी महानन्दपुर से भिजवाया।
इसके बाद असद खान व जावेद (पत्रकार) विकास प्राधिकरण के सचिव को देने के नाम पर 1 लाख 25 हजार रुपये ले गए और कहा कि चिंता न करो आराम से निर्माण कार्य करवाओ। कोई अधिकारी तुम्हारा कुछ नही कर पाएगा।
उसके बाद प्राथी का निर्माण कार्य तहसील प्रशासन ने बन्द करवा दिया। जिसके बाद मैने इन लोगों से अपना रुपया मांगा तो यह लोग धमकाने लगे की पैसा वापिस नही करूंगा। ज्यादा किसी से कहोगे तो फर्जी मुकदमे में फंसा देंगे। सारे अधिकारी मेरी सुनते हैं तुम्हारी कोई नही सुनेगा। पार्थी ने पैसा वापिस करवाने और जान माल की सुरक्षा करने की कृपा करें। इस कांड के बाद पीड़ित जरूर ‘हमे तो लूट लिया हुस्नवालों ने’ की जगह ‘हमे तो लूट लिया मिलके पत्रकारों ने ‘ मन ही मन गुनगुना रहा होगा।
शिकायती पत्र में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया के पत्रकारों पर संगीन आरोप
पुलिस अधीक्षक रायबरेली के नाम लिखे पत्र में पीड़ित ने जनपद रायबरेली के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सूचना विभाग रायबरेली ही अब बता सकता है यह सभी रजिस्टर चैनल और अखबारों के पत्रकार हैं या फिर उनके द्वारा पत्रकारिता का सहारा लिया गया है। पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज की या नहीं अभी इसकी जानकारी नहीं हो पाई है।