‘जानो दुनिया’ चैनल चलाने वाला पूर्व आईएएस संजय गुप्ता गिरफ्तारी के बाद कर रहा मीडिया कवरेज रोकने की मांग

Share the news

अहमदाबाद। करीब 113 करोड़ रुपये के मेट्रो घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व आईएएस अधिकारी संजय गुप्ता, जो जागो दुनिया नामक न्यूज चैनल का संचालन करता था, ने इस मामले में मीडिया कवरेज रुकवाने के लिए अदालत से अपील की है। मेट्रोलिंक एक्सप्रेस फॉर गांधीनगर एंड अहमदाबाद (एमईजीए) प्रोजेक्ट के कार्यकारी अध्यक्ष रहे गुप्ता ने सत्र न्यायालय में याचिका दायर करके यह गुहार लगाई है।

याचिका में गुप्ता ने कहा कि घोटाले को लेकर लगातार कवरेज से उनकी छवि खराब हो रही है। साथ ही गुप्ता ने अदालत को सीआरपीसी की धारा 281 के तहत आवेदन सौंपा है। इस धारा के तहत आरोपी को अदालत के समक्ष खुद को गवाह के रूप में पेश करने की इजाजत दी जाती है। सत्र न्यायाधीश एनजी दवे के समक्ष पेश की गई इन दोनों याचिकाओं पर 21 मई को सुनवाई होगी।

गुप्ता को चार दिन की रिमांड के बाद मंगलवार को अदालत में पेश किया गया था। यहां से अदालत ने उन्हें और एक अन्य आरोपी एमईजीए के पूर्व कंस्ट्रक्शन मैनेजर रत्नेश भट्ट को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस दौरान गुप्ता ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी सीआइडी उन पर कुछ बयान देने के दबाव डाल रही है। सीआइडी ने गुप्ता और भट्ट दोनों को वर्ष 2012 में एमईजीए में 113 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में 14 मई को गिरफ्तार किया गया था।

दो दिन का समय दें, बड़ा खुलासा करूंगा

मेट्रो ट्रेन प्रकरण में 113 करोड़ की वित्तीय अनियमितता के आरोपित व पूर्व आईएएस अधिकारी संजय गुप्ता ने अदालत से कहा कि वे कुछ बड़ा खुलासा करना चाहते हैं। चार दिन की रिमाण्ड अवधि पूरी होने पर मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की विशेष अदालत में पेश आरोपित अधिकारी गुप्ता ने कहा कि रिमाण्ड के दौरान उन पर काफी ज्यादा दवाब डाला गया। उन्हें मानसिक रूप से प्रताडित किया गया। इसलिए वे अदालत के समक्ष एक बड़ा खुलासा करना चाहते हैं, जिसका व्यापक असर होगा। इसके लिए उन्हें दो दिनों का समय दिया जाएं। वे 15 वर्षो तक आईएएस अधिकारी रहे। उनके पास कई जानकारी है।

गुप्ता के वकील की ओर से कहा गया कि इस मामले में जांच ठीक ढंग से नहीं की जा रही है। मीडिया को बातें लीक जा रही हैं। पूछताछ में निजी व्यक्ति भी शामिल है जो उचित नहीं है। उनकी छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। गुप्ता इस मामले में कुछ कहना चाहते हैं। गुप्ता की ओर से इस संबंध में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 281 के तहत दायर याचिका पर 21 मई को सुनवाई होगी। विशेष अदालत ने इस मामले में मीडिया को रिमाण्ड के दौरान पर सूचना लीक करने के मामले में जांच अधिकारी की आलोचना की।

उधर विशेष अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपित गुप्ता व मेगा के पूर्व प्रोजेक्ट मैनेजर राधेश भट्ट को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सीआईडी क्राइम ने गुप्ता व भट्ट को रिमाण्ड अवधि पूरी होने पर अदालत में पेश किया। जांच एजेंसी ने इन आरोपितों के लिए अतिरिक्त रिमाण्ड की मांग नहीं की। उधर बचाव पक्ष की ओर से दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की गुहार लगाई। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

1985 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अध्यक्ष रहे संजय गुप्ता पर मेट्रो प्रोजेक्ट में 113 करोड़ रूपए के घोटाले का आरोप है। इसमें रिश्वत के रूप में बड़ी राशि लेने और यह राशि फर्जी बिल मंजूर करके लेने का आरोप है। कुछ फर्जी कर्मचारियों को भी मेट्रो प्रोजेक्ट में दिखाकर उसके जरिए भी सरकार को चूना लगाने का आरोप लगा है। सीआईडी क्राइम की गांधीनगर ईकाई ने गत एक अप्रेल को वित्तीय अनियमितता को लेकर गुप्ता के खिलाफ आर्थिक अपराध से जुड़ी शिकायत दर्ज की थी। गुप्ता ने वर्ष 2003 में सेवानिवृत्ति ली थी। बाद में राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में उन्हें मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। दो वर्ष बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।



भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *