नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के चालीस लाख मैथिल समाज और आठ करोड़ से ज्यादा मिथिला भाषियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। विगत दिनों दिल्ली एनसीआर से मैथिली भाषा की पहली कलरफुल पाक्षिक अखबार ‘मिथिला आवाज’ और मासिक पत्रिका ‘मिथिला मिलन’ प्रकाशित होकर न्यूज़ स्टैंड और बाजार में आई है। पिछले हफ्ते दिल्ली के न्यू राजेन्द्र नगर स्थित डी आई खान स्कूल के सभागार में ‘मिथिला आवाज’ पाक्षिक अखबार और ‘मिथिला मिलन’ मासिक पत्रिका का विधिवत लोकार्पण किया गया।
लोकापर्ण समारोह को संबोधित करते ‘मिथिला आवाज’ और ‘मिथिला मिलन’ के संपादक डॉ. चंद्रमोहन झा ने आगत अतिथियों के स्वागत करते हुए कहा कि मिथिला-मैथिली के उत्थान के लिए दिल्ली में तो बहुत सारी संस्थाएं अपने ढंग से सक्रिय है और कार्य कर रही है, मगर मैथिली भाषा में उनकी बातों को, उनकी मांगों को और उनकी आवाज को सशक्त तरीके से बुलंद करने वाला कोई मीडिया संस्थान मैथिली में आज तक नहीं बना है। मैथिली में अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की तरह कोई बड़ा मीडिया हाउस अभी तक क्यों नहीं बन सका है, ये हमारे समाज के लिए काफी चिंतनीय विषय है।
उन्होंने असमिया भाषा के एक नंबर वन दैनिक अखबार ‘ओसमिया प्रतिदिन’ का उदाहरण देते कहा कि ओडिया भाषी के एकजुट और अपनी मातृभाषा के उन्नयन और विकास के प्रति जो प्रतिबद्धता है उसके कारण ही ‘ओसमिया प्रतिदिन’ आज असम का नंबर वन अखबार ही नहीं एक बड़ा मीडिया हाउस भी है जहां सैकड़ों की संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ है। ये हम मिथिला में भी संभव कर दिखाना चाहते हैं, मगर यहां एकजुटता और समर्पण की कमी के कारण संभव नहीं हो रहा है। लेकिन अगर हम संकल्प ले लें तो हम मिथिला में एक बड़ा मीडिया हाउस खड़ा कर सकते हैं, जिसका अपना न्यूज चैनल, दैनिक समाचार पत्र, वेबसाइट और डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा जो की व्यवसायिक रुप से भी एक मॉडल के रुप में प्रोफेशनल दुनिया में खुद को स्थापित करेगा। इस मौके पर मिथिला आवाज अखबार के संपादक और सफल उद्योगपति डॉ. चंद्रमोहन झा की दो किताबें ‘भ्रष्टाचार: समस्या और समाधान’ और उनकी हिन्दी कविता संग्रह ‘ये मेरा मन’ का भी लोकार्पण किया गया।
लोकार्पण समारोह का उद्धाटन रिटायर्ड डीजीपी सह सेवानिवृत आईपीएस अधिकार बी एल बोहरा, पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीरंजन खां, अखिल भारतीय मिथिला संघ के अध्यक्ष विजय चंद्र झा, मिथिलांचल कोसी विकास समिति के अध्यक्ष शम्भु नाथ मिश्र और युवा उद्यमी गोपाल झा ने संयुक्त रुप से दीप प्रजल्लवन कर किया।
लोकापर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए मैथिली के शीर्ष लेखक सह प्रकाशक अजित आजाद ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में चार लाख से ज्यादा मैथिली बोलने वाले स्थायी रुप से यहां बसते हैं, अगर चार लाख में से 50 हजार लोग भी मिथिला आवाज अखबार और मिथिला मिलन पत्रिका खरीदते हैं और जो मैथिल भाषी दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद या कि देश के अन्य शहरों में भी अपना उद्योग और व्यवसाय चला रहे हैं वो अगर हमें निश्चत अविधि के लिए नियमित तौर पर विज्ञापन देते हैं तो मैं गारंटी लेता हूँ कि मैथिली में भी मैं अन्य क्षेत्रीय भाषा की तरह एक सफल व्यवसायिक माडिया हाउस स्थापित कर के दिखा दूंगा।
लोकार्पण कार्यक्रम में मैथिली की चर्चित गायिका कुमकुम मिश्रा ने अपने सुरमयी गीत से दर्शकों और आगत अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर मिथिला-मैथिली के उन्नयन के लिए काम कर रहे 50 से ज्यादा लेखक, कलाकार, गीतकार और आंदोलनकर्मियों को प्रतीक चिन्ह और बुके देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की सफलता मे संस्था के राजकुमार मिगलानी, विमल चंद्र झा, अनिल कुमार सिंह, सतीश वर्मा, प्रेमशंकर झा पवन समेत तमाम लोगों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।
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