Sayed shahroz quamar-
ऑस्ट्रेलिया के कार्टूनिस्ट डेविड रो के फाइनेंशियल-रिव्यू अख़बार में छपे इस कार्टून की हम घोर निंदा करते हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारे देश की छवि ख़राब करने वाले कार्टूनिस्ट और अख़बार के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

रवीश कुमार-

आस्ट्रेलियन अख़बार लिख रहा है कि घमंड, अंध राष्ट्रवाद और नौकरशाही की अयोग्यता ने भारत को तबाही में धकेल दिया। घमंड की पहचान किससे हैं ? किसके घमंड की बात हो रही है बताने की ज़रूरत नहीं। आप जानते हैं। कमेंट डिलीट करा कर पेज बंद करा कर आप सच दबाना चाहते हैं आपको मुबारक। जो करना है कीजिए।फ़ेसबुक और ट्विटर और चैनलों के बग़ैर भी लोग जान जाएँगे कि उनके अपने अस्पताल के बाहर तड़प कर मर गए।

विदेशों में भारतीयों की रैलियाँ करा कर गरीब जनता को बेवकूफ बनाते रहे कि दुनिया में भारत का नाम हो रहा है। इस प्रोपेगैंडा पर करोड़ों रुपये फूंक दिए गए और लोगों में भी भ्रम में ख़ुशफ़हमी पाल ली। अगर इसकी जगह अस्पताल बने होते। उनकी व्यवस्थाएँ ठीक की गईं होतीं तो आज दुनिया के अख़बारों में भारत को लेकर ऐसी तस्वीरें न छप रही होतीं। झूठ का ढोल फट गया है। ये मानें या न मानें। आप मानें या न मानें। जानते तो हैं कि आपके आस-पास क्या हो रहा है। आपके चुप रहने से बुज़दिल बने रहने से किसी की जान नहीं बच रही। किसी को अस्पताल में बेड नहीं मिल जा रहा है।


