Yashwant Singh : मोदी ने एक अच्छा मौका बकलोली-थेथरई में गंवा दिया। बढ़ता आतंकवाद, गिरती इकानामी, चढ़ती महंगाई, उग्र बेरोजगारी, भयावह करप्शन और तेज होते जातीय-धार्मिक हमलों के बाद भी भाजपाई अगर 2019 में जीतने के सपने देख रहे हैं तो वाकई उनकी मानसिक स्थिति खराब है। राहुल गांधी को एक मौका देना बनता है। लिख लो, मेरा वोट अब राहुल गांधी को, 2019 में। मोदी ने जो दिन दिखा दिए, उसके आधार पर कह सकता हूँ कि उनसे सौ गुना ज्यादा समझदार नेता साबित होंगे राहुल गांधी, मेरा ये दावा है। कह सकते हैं कि मोदी ने अपनी करनी से राहुल गांधी के अच्छे दिन जरूर ला दिए हैं। बेहद दुखी और त्रस्त जनता अब राहुल गांधी पर ही दांव लगाएगी.
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जिन्हें जनता विजनरी और सीरियस मानती रही, आज वो अपने कर्मों से सबकी नजर में एक मजाक की चीज बन कर रह गए हैं… जिन पर सबसे ज्यादा जोक बनाए गए, उन्होंने अपने संघर्ष, समझ और हार कर भी उठ खड़े होने के जमीनी जज्बे से खुद को एक आधुनिक और समझदार व्यक्तित्व में शुमार कर लिया है… समझदारों के लिए इशारा काफी होता है.. मूर्ख दाएं बाएं निकल लें और अपने दूसरे भक्तों से समझदारी पाएं…
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मनरेगा को छोटी मोटी योजना मानते हैं? आरटीआई को आप छोटी चीज मानते हैं? गिनाने को हर कोई अपनी अपनी पार्टी के तीस चीज गिना देगा. लेकिन बात देश के वर्तमान हालत की हो रही है… ये जो बुरा हाल है, उसके लिए एकमात्र जिम्मेदार मोदी जी हैं.. ये तय मान लीजिए… ये लिख लीजिए… न महंगाई काबू हुई, न पेट्रोल डीजल के दाम घटे, न रोजगार है, न आतंकवाद रुका है, न पाकिस्तान शांत है, न देश में आंतरिक शांति है… गोवा में भाजपा वाले बीफ बिकवा रहे हैं तो कश्मीर में किनके साथ मिल कर सरकार चला रहे हैं… खुद देख लीजिए.. हां, जो कुछ फैक्ट्रियां वैक्ट्रियां चल रही थीं, वो बंद हो गईं… बैंक घाटे में चले गए.. तरह तरह के टैक्स लगा दिए गए… राफेल दलाली के बारे में पूछने पर दांत चियार रहे हैं… ऐसी दोगली और जनविरोधी पार्टी से भगवान बचाए…
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मोडिया कुछ बोला भई…. बढ़ते आतंकवाद पर…. सीमा पर बिछती लाश पर… आसमान चढ़े गैस पेट्रोल दाम पर.. राफेल-पीएनबी घोटाले पर… मरते किसानों पर… तबाह हुई फसलों पर… रेल के निजीकरण पर… रिटेल में सौ फीसदी विदेशी निवेश पर…. भू-लुंठित इकनॉमी पर… बढ़ती महंगाई पर.. बैंकों द्वारा खताधारकों की लूट खसोट पर… बंद हुए उद्योग धंधों पर… बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि पर…
अररर्रे… उ त विदेश में टहल रहा होगा… समधन बन के परधानों को गले लगा रहा होगा… उसको देश से क्या मतलब.. उसके लंठ लग्गू भग्गू मुसलमान पाकिस्तान बांग्लादेश गाय गोबर करने के लिए भारत में बैठे जो हैं.. हां, लाल किला में शुद्धिकरण महायज्ञ होगा… राम रथ यात्रा निकलेगा… आपको डायरेक्ट 13वी सदी में ले जाने की गारंटी है… इंतज़ार करिए… रामराज्य आएगा… दलित पिछड़ा पिटाएगा… मुसलमान पाकिस्तान भगाया जाएगा… प्यार करने वालों को दौड़ा दौड़ा कर मारा जाएगा… औरतों को उनकी औकात बताया जाएगा… मनु स्मृति सबको रटवाया जाएगा…
उसके बाद हर समस्या का हल हो जाएगा… देश सोने की चिड़िया बन जाएगा… तब सबके एकाउंट में पनरह पनरह लाख आएगा…
धीर धरो… और जोर से बोलो… जय जय श्रीराम 🙂 😀
परधान जी का एक वीडियो दे रहा हूं… देखिए जरा हिप्पोक्रेसी… क्लिक करिए इस लिंक पर…. https://www.youtube.com/watch?v=YLVLqYFdQWI
एक अन्य वीडियो भी डाल रहा हूँ, समधन जी के सिंगार व्यवहार पर…. क्लिक करिए इस लिंक पर…. https://www.youtube.com/watch?v=sLW1Gt9hRY4
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मुद्दे पर बात करने को कहो तो फेचकुर फेंकने लगते हैं लोग…सत्ता धारी आजकल अपोजीशन पार्टी वालों जैसी बकचोदी करने लगे हैं… वे हर जगह सरकार में हैं… लेकिन उन्हें सीरियस बातचीत से बैर है… काम की बात बिलकुल न करेंगे… कोई कर देगा, पूछ देगा तो वो फौरन मुस्लिम पाकिस्तान आतंकवाद बांग्लादेश कांग्रेस टाइप बक बक करने लगेंगे क्योंकि उनके दिलोदिमाग में बहुत कायदे से जहर भरा गया है… वे मनुष्य नहीं रह गए हैं, वे मोगांबो की फैक्ट्री के रोबोट बन गए हैं… जितनी प्रोग्रामिंग, उतनी वाकिंग, उतनी टाकिंग… सो, इनके दिमाग में जितना जहर भरा हुआ है, उतना उगलकर शांत हो जाने के अलवा कुछ न उगलेंगे-बकेंगे… वे ये कतई न बताएंगे कि आखिर कश्मीर में जिसे ‘आतंकवाद’ परस्त पार्टी कहते हो, उसी के साथ सरकार क्यों चलाते हो और कश्मीर से लेकर दिल्ली तक में जब तुम्हार शासन है तो कश्मीर में शांति क्यों नहीं लिए चले आते हो… क्यों वहां पत्थरबाजों का राज चलवाते हो… क्यों वहां सैनिकों और सिविलियन्स की लाशें गिरवाते हो… गाय भैंसा पूरे देश में चिल्लाते हो लेकिन गोवा में खुद ही बीफ क्यों बिकवाते हो रे… सीमा पर हमारे सैनिकों की लाशें क्यों गिरा रहे हैं रोज पाकिस्तान वाले… आतंकवादी क्यों रोज भारतीय सेना के मुख्यालयों पर धावा बोल जा रहे हैं… पेट्रोल डीजल के दाम रोज रोज क्यों बढ़वाते हो… फैक्ट्रियों और व्यापार को किसके इशारे पर तबाह कर डालते हो… रोजगराशुदा लोगों को घर काहें बिठाते हो… राफेल डील में दलाली लिए जाने पर काहे कुछ नहीं बोल बतियाते हो… काहें गोपनीयता का हवाला देकर दांत चियारते हो… क्या ये सब कुछ चुप्पा मनमोहन के राज में हो रिया है या छप्पन इंच वाले बकबक बाबा मोदी के राज में चल रिया है..
…आखिर में….
दो लाइनें सुन लो जहरबेरियों…. और जहरबोरियों…….
मुद्दे पर बात करने को कहो तो फेचकुर फेंकने लगते हैं लोग…
सवाल पूछ लो तो कांग्रेसियों को गरियाने लगते हैं भाजपा के लोग…
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अब भगवा भक्त सिखाएंगे पत्रकारिता। भयावह दौर है। बिना इमरजेंसी लगाए ये भक्त लोग आपातकाल को मात दे रहे हैं। जज, पत्रकार, दलित, मुस्लिम सब निशाने पर हैं। हाहाकार टाइप माहौल है। आतंकवाद चरम पर है। इकानामी की लंका लगी हुई है। महंगाई और बेरोजगारी भयंकरतम है। कुछ नहीं बदला, सिवाय थेथरई और बकलोली के। जो फीडबैक मुझे कई जगहों से मिल रहा है, उसके आधार पर कह सकता हूँ कि मोदी-योगी सरकारों का रिपीट करना मुश्किल है। लिख कर रख लीजिए। राम भी आगे काम न आवेंगे। देखें वीडियो https://youtu.be/Bb8YATcXrFQ
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.
Shailendra Pandey : किसी भी मीडिया हाउस की नीति या मानसिकता उसका मालिक या बॉस तय करता है ना कि उस चैनल या अखबार के रिपोर्ट्स और उसी के तहत वो काम करते हैं। असल मे अगर विरोध दर्ज करना है और मामले पर एक्शन चाहते है तो उसके बॉस को टारगेट करे ना कि एक सैलरी के लिए के लिए काम करने वाले उसके कर्मचारी को क्योकि मालिकों के सरकार या अपोजिशन से अपने स्वार्थ होते है और उन्ही के आधार पर अपनी मानसिकता बनाते है। ये बात और है कि लंबे समय तक काम करते करते अधिकांश उन कर्मचारियों की मानसिकता भी चापलूसी के तहत कुछ उसी टाइप की हो जाती है। सच्चे पत्रकारों के लिए ये लाइनें है…. चंदन विष व्यापत नही, लिपटे रहत भुजंग… देखें वीडियो… https://youtu.be/Bb8YATcXrFQ
फिल्मकार और फोटो पत्रकार शैलेंद्र पांडेय की एफबी वॉल से.