केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पश करते हुए कहा कि इंटरनेट से संपन्न और वंचितों के बीच के अंतर को कम करने के लिए एक सेतु की अत्यंत आवश्यकता है। इसके लिए ‘डिजिटल इंडिया’ नामक पैन इंडिया कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है।
यह कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर इंटरनेट की सुविधा, आईटी के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं तक लोगों की पहुंच, सरकारी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने के साथ-साथ घरेलू उपलब्धता तथा निर्यात में वृद्धि के लिए आईटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के देशी उत्पादन को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगा। सहायक सॉफ्टवेयर उपकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्कूलों और गांवों में सेवाओं के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण इंटरनेट और तकनीक मिशन, आईटी कौशल में प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं तथा सरकारी सेवाओं को उपब्ध कराने के लिए ई-क्रांति को प्रस्तावित किया गया है। इस काम के लिए 500 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई है।