लखनऊ से सूचना है कि डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रोफेसर निशीथ राय को उनके पद से हटा दिया गया है. उनके खिलाफ एक जांच बिठाई गई है. जांच अवधि तक वे पद पर नहीं रहेंगे. उनकी जगह जांच अवधि तक प्रवीर कुमार कुलपति का कार्य देखेंगे. शिकायतों की जांच अवकाश प्राप्त जज शैलेन्द्र सक्सेना करेंगे. जांच तक निशीथ राय कुलपति के कार्य से विरत रहेंगे. हालांकि इस अवधि में भी उन्हें समस्त सुविधाएं पूर्ववत मिलती रहेंगी.
प्रो. निशीथ राय
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने सामान्य परिषद की मीटिंग बुला कर वही निर्णय लिया, जिसे हाई कोर्ट ने 16 नवंबर 2017 को निरस्त कर दिया था. प्रो. निशीथ राय को अच्छे काम के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है. पूरे उत्तर प्रदेश में निशीथ राय एक मात्र कुलपति हैं जिसे राष्ट्रपति ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में बुला कर राष्ट्रीय पुरस्कार दिया था. 28 जनवरी 2014 को जब निशीथ राय ने ने पद ग्रहण किया था, यूनिवर्सिटी में कुल 478 छात्र ,3 संकाय और 11 विभाग थे. इस समय 5000 से अधिक छात्र, 11 संकाय औऱ 29 विभाग हो गए हैं.
आरोप है कि राजनीति आधार पर यह फेरबदल किया गया है. कहा जा रहा है कि योगी सरकार ने शपथ ग्रहण के साथ ही अपने चहेते व्यक्ति विशेष को कुलपति बनाने के लिए राजनीतिक दुर्भावनावश काम करना शुरू कर दिया था. जिस प्रकार से प्रभात मित्तल, हीरा लाल गुप्ता एवं राज किशोर यादव को हटाया गया, उनका इस्तीफा लिया गया, उसी कड़ी में निशीथ राय को हटाने की कार्यवाही की गई. इन आरोपों के बाबत प्रो. निशीथ राय की तरफ से जारी विज्ञप्ति इस प्रकार है…