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सुख-दुख

एनएनआईएस न्यूज़ एजेन्सी के स्ट्रिंगर को नौ महीने से काम का पैसा नहीं मिला

सर जी नमस्कार,

एनएनआईएस न्यूज़ एजेन्सी की हालत बेहद ख़राब हो चुकी है। एजेन्सी में काम करने वाले स्ट्रिंगर भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। पिछले 9 महीनो से स्ट्रिंगरों को पैसों के नाम पर सिर्फ तारीख दी जा रही है। लेकिन पेमेंट की वो तारीख कब आएगी, यह कोई नहीं जानता। इस पत्र को लिखने वाला मैं खुद इस न्यूज़ एजेन्सी से जुड़ा एक स्ट्रिंगर हूं और ख़राब माली हालत से गुजर रहा हूं।

<p>सर जी नमस्कार,</p> <p>एनएनआईएस न्यूज़ एजेन्सी की हालत बेहद ख़राब हो चुकी है। एजेन्सी में काम करने वाले स्ट्रिंगर भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। पिछले 9 महीनो से स्ट्रिंगरों को पैसों के नाम पर सिर्फ तारीख दी जा रही है। लेकिन पेमेंट की वो तारीख कब आएगी, यह कोई नहीं जानता। इस पत्र को लिखने वाला मैं खुद इस न्यूज़ एजेन्सी से जुड़ा एक स्ट्रिंगर हूं और ख़राब माली हालत से गुजर रहा हूं।</p>

सर जी नमस्कार,

एनएनआईएस न्यूज़ एजेन्सी की हालत बेहद ख़राब हो चुकी है। एजेन्सी में काम करने वाले स्ट्रिंगर भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। पिछले 9 महीनो से स्ट्रिंगरों को पैसों के नाम पर सिर्फ तारीख दी जा रही है। लेकिन पेमेंट की वो तारीख कब आएगी, यह कोई नहीं जानता। इस पत्र को लिखने वाला मैं खुद इस न्यूज़ एजेन्सी से जुड़ा एक स्ट्रिंगर हूं और ख़राब माली हालत से गुजर रहा हूं।

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इस पत्र को लिखने के पीछे न्यूज़ एजेन्सी की छवि खराब करने का मेरा कोई उद्देशय नहीं है। मैं तो इस पत्र के माध्यम से अपने जैसे सैकड़ो स्ट्रिंगरों की बात आप तक पहुंचा रहा हूं। कहा गया था कि ‘आपको सिर्फ ख़बरों पर ध्यान देना है, आपको पैसों की चिंता बिलकुल नहीं करनी…आपको हर महीने आपकी खबरों का पैसा मिलता रहेगा।’ ये तो भला हो भड़ास4मीडिया का जिसके माध्यम से अपना दुःख कहने का मौका मिल रहा है, अन्यथा चैनल व न्यूज़ एजेन्सी के अंदर तो स्ट्रिंगरो का दर्द सुनने को कोई तैयार ही नहीं है।

अभी कुछ ही दिन पहले जब मैंने अपनी स्टोरी के पेमेंट की बात की तो कहा गया कि जल्द ही आपका पैसा आप तक पहुंच जाएगा। लेकिन यह नहीं बताया कि यह जल्दबाजी कब दिखाई जाएगी। यह हालत सिर्फ मेरे अकेले की नहीं है, मेरे जैसे सैकड़ो स्ट्रिंगरों की हालत ऐसी ही है जो यह सब झेल रहे हैं। अब तो एजेन्सी को स्टोरी आइडिया भी भेजने को मन नहीं करता। काफी संख्या में स्ट्रिंगरों ने तो एजेन्सी को ख़बरें भेजनी भी बंद कर दी हैं।

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भड़ास4मीडिया हमेशा ही हमारे जैसे हजारों लोगों की आवाज उठाता रहा है। अब एक आखिरी उम्मीद सिर्फ भड़ास4मीडिया से ही है जो हमारी आवाज उन चैनलों और न्यूज़ एजेन्सी के मालिकों तक पंहुचा सकता है जिन्हे स्ट्रिंगरों की तकलीफ समझ नहीं आ रही।

धन्यवाद
xyz

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एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. AAMIR

    June 23, 2014 at 9:29 am

    sahi baat hai , NNIS KA BAS YAHI SOCH HAI , FREE KA STORY LETE RHO AUR JAB , PAYMENT KI BAAT AAYE TO PHONE PICK KRNA BAND KAR DO. KUCH LOGON NE TO CASE V KAR RAKHA HAI.

  2. khalid karnataki

    July 18, 2014 at 4:45 pm

    main kai saal pehle hi kaha tha ke ye haraam khoor jahan bhi nazar aaye in ke kapde utar kar in ki pitai karo, jaise mai ne bangalore men kamal bhadwe ka haal kiya hai.
    khalid Karnataki
    9590882583

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