Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

हर तरफ़ परेशान आदमी!

सत्येंद्र पी एस-

भड़ास पर आज खबर देख रहा हूँ पत्नी और सास की प्रताड़ना से तंग आकर लखनऊ के युवा पत्रकार अमित सिंह ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसके पहले एक और पत्रकार शेखर कुणाल ने अपनी विपदा साझा की।

उन्होंने लिखा- “मेरी पत्नी अपनी मां के कहने पर अपना सारा जेवर और सामान लेकर अपने मायके चली गई… साथ में दो साल के मेरे बेटे को भी ले गई और उसके मायके जाने का समय और माहौल इतना खराब था कि बता नहीं सकता, कोरोना होने के बाद नौकरी छुट गई, आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब थी, इसी बीच मेरे पिताजी का गुजर गए, लगातार बुलाने के बाद भी वो मेरे पिताजी के तेरहवीं में नहीं आई…”

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुणाल ने नौकरी दिलाने और आर्थिक मदद की अपील भी की है।

यह घटनाएं भयावह दुखद हैं। जिनके पीछे अभी चल रही आर्थिक विपदा, मानसिक तनाव भी है। यह सच है कि आर्थिक विपदा से हर कोई सुसाइड नहीं कर लेता, लेकिन गृह कलह आम बात है और यह तोहफा देश की बहुसंख्य आबादी को पिछले 6-7 साल में मिला है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

स्थिति जल्द से जल्द सुधरे, यही कामना है। भवतुसब्बमंगलम!


आनंद मिश्रा-

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्रकार की मौत की जिम्मेदार पत्नी और सास पर हत्या का केस दर्ज हो…

कोरोना काल में कई पत्रकारों ने आत्महत्या जैसा घृणित कदम उठाया। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। जब हम सभी पत्रकार आम जनमानस से लेकर नेता,अभिनेता,राजनेता के बारे में लिखते हैं,उनकी समस्याएं उजागर करते हैं। और उनकी समस्याओँ को दूर भी कराते हैं। तो पत्रकार अपने आपको बहुत गौरवांगित महसूस करता है। पर वहीं जब किसी पत्रकार के जीवन में छोटी मोटी समस्या भी आती है तो वह लिख पढ़ नहीं पाता। क्योंकिं उनको लगता है कि वह तो बहुत बड़ा तीरंदाज है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पत्रकार यहीं से गलती करने लगता है और अपने जीवन का क्षय करने लगता है। कोरोना काल में कई पत्रकारों के ऊपर ये समस्याएं आई और गई होंगी। पर कई पत्रकारों ने जिस तरह अपनी जीवन लीला समाप्त की वह बहुत ही निंदनीय है। लड़ कर मरो। मरना तो है ही।

आज की ताजा घटना में पत्रकार अमित सिंह ने जिस तरह से अपनी पत्नी और सास पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है वह काफी गंभीर है। पत्नी और सास पर हत्या का केस होना चाहिए। किसी भी तरह से वो छूटने न पाएं। वहीं कुछ समय पूर्व दिल्ली में विकास शर्मा की भी मौत पारिवारिक कारणों से ही हुई थी। उन्होने भी अपनी मौत का जिम्मेदार एक तरह से पत्नी को ही माना था। औऱ भी कई पत्रकार है जो पारिवारिक कारणों से आज भी परेशान हैं। और रोज परेशानियों से सामना कर रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उनसे विनती है कि परिवार के बारे में कभी भी समस्या आए तो लोगों से खुलकर बात करें और आज कल तो सोशल मीडिया है उस पर भी खुलकर लिखे…..समस्या बाहर आएगी तभी निदान होगा….जिंदगी में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका निदान न हो सके। और किसी एक के लिए अपना महत्वपूर्ण जीवन खत्म करना कत्तई उचित नहीं है। जीवन अमूल्य है पूरा जिए….खुलकर जिए…

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement