सात फ़रवरी दोपहर 2 बजे ग्रेटर नोएडा ओमैक्स पाम ग्रीन सोसाइटी के बग़ल में बसे किसानों के झोपड़े जलकर राख हो गए। कपड़े-लत्ते, बच्चों के खिलौने, मोटरसाइकल यहाँ तक कि किसानों की गाढ़ी कमाई के पैसे सब आग के हवाले हो गए। ऐसे में किसानों ने किसी स्थानीय ग्रामीण के ज़रिए मदद गुरु से मदद की गुहार लगायी।
दो घंटे तक दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं। इसी दौरान मदद गुरु की टीम राहत कार्य में जुट गई। बच्चों के तन पर कपड़े नहीं थे। वे ठंड से ठिठुर रहे थे। पैरों में चप्पल नहीं थी, यहाँ तक कि खाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में इन किसानों को अद्भुत राहत पहुँचाई मदद गुरु ने।
सबसे पहले ज़रूरी सामान जैसे गर्म कपड़े, गद्दे, रज़ाई व भोजन की व्यवस्था कराई गई। तत्काल प्रभाव से जले झोपड़ों का पुनर्निर्माण तेज़ी से शुरू कर दिया गया। पास की सोसाइटी ओमैक्स पाम ग्रीन में रहने वाले लोगों ने भी अपना सहयोग दिया, मदद गुरु द्वारा इस तरह की पहल देश की सरकारों के लिए एक नज़ीर है। अगर आप ठान लें तो क्या नहीं कर सकते?
आपको बता दें कि इन्हीं किसानों के एक परिवार मैं 13 फ़रवरी को एक शादी है। शादी का भी सारा सामान जलकर राख हो गया। मदद गुरू ने इस पूरी बस्ती के पुनर्निर्माण के कार्यों के साथ परिवार में होने वाली शादी का भी ज़िम्मा उठा लिया है।
मदद गुरु के संस्थापक और जाबांज़ खोजी पत्रकार पंडित आयुष ग़ौड ने बताया कि जब तक ये तमाम परिवार पूर्ण रूप से ख़ुशहाल और बहाल नहीं हो जाते और संतुष्ट नहीं हो जाते तब तक संस्था इनकी तन मन और धन से मदद करेगी।
ग़ौरतलब है कि इतनी मार्मिक घटना किसी मीडिया न्यूज़ चैनल की सुर्खी नहीं बन सकी। हालाँकि इस तरह की ख़बरों की जगह प्रदेश और देश स्तर के मीडिया चैनलों के बुलेटिन में ज़रूर होनी चाहिए थी।
मदद गुरु को भड़ास का सलाम है।