वरिष्ठ पत्रकार और लेखक शांतनु गुहा रे का निधन हो गया. करीब ढ़ाई दशक के पत्रकारिता करियर में उन्होंने इन्वेस्टिगेटिव, बिजनेस और मानव हित से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर अपनी अलग पहचान बनाई. वे एनडीटीवी के साथ बतौर कंट्रीब्यूटिंग एडिटर जुड़े थे और विभिन्न विषयों पर लिखते थे.
उनके पुत्र द्वारा की गई एफबी पोस्ट में लिखा गया कि, “मेरे पिता शांतनु गुहा रे का सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया. वे एक बेहतरीन पिता, पति और सभी के अच्छे मित्र थे. आप उनसे किसी भी विषय पर बात कर सकते थे. ये अहसास बेहद कठिन है कि उनकी शानदार आवाज आगे हम नहीं सुन पाएंगे.”
एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने शांतनु रे के निधन पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि, “रे एक जिज्ञासु, तार्किक और बड़े दिल वाले इंसान थे. उन्होंने राजनीति से लेकर वन्यजीवन तक अनेक विषयों पर विस्तार से लिखा.”
रे ने व्हार्टन स्कूल से कम्युनिकेशन और मीडिया स्टडीज में पढ़ाई की थी. इसके अलावा वे भारत के प्रतिष्ठित आईआईएमसी दिल्ली स्कूल में भी पढ़ाई कर चुके थे. वरिष्ठ पत्रकार को 2011 में कोयला घोटाले और 2012 में दिल्ली हवाई अड्डे के घोटाले से कई अहम खुलासों का श्रेय जाता है. 2015 में उन्हें रामनाथ गोयनका पुरस्कार से नवाजा गया था. इसके अलावा भारत में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों पर पत्रकारिता के लिए लाडली पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका था. हाल ही में उन्हें आईआईएमसीए कार्यक्रम में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी हासिल हुआ था.
सीएम योगी ने गणेश शंकर विद्यार्थी को दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, मूल्य आधारित पत्रकारिता के अतुल्य प्रतिमान, प्रखर समाजसेवी, गणेश शंकर विद्यार्थी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की.
CM योगी ने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर लिखा कि, “महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, मूल्य आधारित पत्रकारिता के अतुल्य प्रतिमान, प्रखर समाजसेवी, गणेश शंकर विद्यार्थी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. माँ भारती की सेवा में समर्पित आपका संपूर्ण जीवन युगों-युगों तक हम सभी को देश सेवा हेतु प्रेरित करता रहेगा.”
बता दें कि विद्यार्थी का जन्म आश्विन शुक्ल 14, रविवार सं. 1947 (1890 ई.) में ननिहाल, इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले के निकट, श्रीवास्तव (वर्मा -कायस्थ) परिवार में हुआ था. वह रहने वाले मुंशी जयस्थ हथगाँव, जिला फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे.