मामला असम का है। दीपांकर मेधी नामक पत्रकार ने नगांव के जिला आयुक्त पर कार्यालय में मारपीट करने का आरोप लगाया है। पत्रकार ने बताया है कि जब वो किसी काम से डीसी नरेंद्र कुमार शाह से मिलने उनके कार्यालय में गए तो डीसी ने उनके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं मारपीट की घटना के बाद पुलिस पत्रकार को लेकर थाने चली गई जहां पर उन्हें कई घंटों तक रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
पत्रकार ने बताया कि जब उन्हें पुलिस ले जा रही थी तो पुलिस द्वारा भी उनके साथ बदसलूकी की गई। पत्रकार के अनुसार डीसी ने उनके साथ मारपीट की। पत्रकार की हार्ट सर्जरी भी हो चुकी है। ये बताने के बावजूद डीसी ने उनके साथ मारपीट की। दीपांकर मेधी गुवाहाटी स्थित एक न्यूज चैनल में काम करते हैं। वो किसी काम की वजह से नगांव गए हुए थे। काम को लेकर ही वो डीसी से मिले तब कथित तौर पर उनके साथ मारपीट हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पत्रकार का कैमरा भी जब्त कर लिया।
पत्रकार मेधी ने बताया कि बाद में उन्हें कैमरा वापस तो किया गया लेकिन उसमें मौजूद डेटा को मिटा दिया गया है।
वहीं इस मसले पर मीडिया से बातचीत करते हुए डीसी ने कहा है कि किसी भी तरह की कोई मारपीट नहीं हुई हैं ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। उन्होंने बिना अनुमति के बातचीत की रिकॉर्डिंग शुरु कर दी थी इसलिए मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था लेकिन मारपीट जैसी कोई बात नहीं हुई है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और मैं आगे इस पर कोई टिप्पणी करना नहीं चाहूंगा।
वहीं इस घटना ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। असम के शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई ने पत्रकार के साथ कथित मारपीट की घटना पर डीसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विधायक ने असम के सीएम हिमांता बिस्वा सरमा से नगांव डीसी के खिलाफ कार्रवाई की अपील की है।