बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के विरुद्ध छात्रों, पटरी व्यवसायियों और बुद्धिजीवियों द्वारा शनिवार को काशी हिन्दू विश्व विद्यालय मुख्य द्वार से मातलदई गाँव तक पैदल मार्च किया गया.
बीएचयू गेट पर हुयी सभा में वक्ताओं ने कहा कि मेंहदीगंज स्थित शीतल पेय कम्पनी कोकाकोला लाखों लीटर पानी का दोहन कर रही है और इस पानी की बिक्री से मुनाफा कमा रही है, वहीँ भूगर्भ जल स्तर अत्यधिक नीचे चले जाने से किसानो को सिंचाई के लिए पानी मिलने में कठिनाई हो रही है. देश में पेप्सी और कोकाकोला जैसी कम्पनियों द्वारा अँधाधुंध जलदोहन पर कार्यवाही की मांग करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का व्यवसायिक उपयोग किये जाने के लिए नीतियों में परिवर्तन की जरूरत है. जिससे इनके द्वार अनियंत्रित जलदोहन पर रोक लगाना संभव हो सके.
पदयात्रा का समापन मातलदई गाँव में हुआ जहाँ के किसान विकास के नाम पर होने वाले भू अधिग्रहण के विरुद्ध लामबंद हैं. यहाँ हुयी सभा में वक्ताओं ने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के बढ़ते जाल से बाहर निकलने का आह्वान किया.
मार्च में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. संदीप पाण्डेय, लंका रेहड़ी पटरी व्यवसायी के चिंतामणि सेठ, प्रेम कुमार, आईआईटी, बीएचयु के छात्र सागर वर्मा, दीपक नागर, हेमंत कन्नाजिया, विश्वविद्यालय के शोध छात्र धनञ्जय त्रिपाठी, सोशलिस्ट पार्टी के रोहनिया से उम्मीदवार हेमंत यादव, लोक समिति के सुरेश राठोर, महेंद्र कुमार, राम नरेश यादव, कवला देवी, भागीरथी देवी, पारवती देवी, शिव कुमारी देवी, बाबु राम सहित लगभग 45 लोग शामिल रहे.