बिहार के पूर्णिया में प्रमंडल स्तरीय प्रेस क्लब का गठन किया गया। नंद किशोर सिंह नंदू को प्रेस क्लब का अध्यक्ष चुना गया। सत्येन्द्र कुमार सिन्हा और शैलेश कुमार को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। क्लब के सचिव प्रशांत चौधरी चुने गए हैं। संयुक्त सचिव पूजा मिश्रा, भोला ठाकुर, रईस आलम और प्रफुल्ल ओंकार को बनाया गया है। महासचिव कुंदन सिंह, कोषाध्यक्ष पंकज नायक और उप कोषाध्यक्ष स्मित सिंह एवं विकास वर्मा को बनाया गया है।
कोर कमेटी में अखिलेश चंद्रा, अरूण कुमार, राजीव कुमार, पंकज भरतिया, राजेश शर्मा, आदित्य नाथ झा, राजेन्द्र पाठक, मनोहर कुमार,दीपक कुमार दीपू, शशि रमण, रवि प्रकाश, अभय सिन्हा शामिल किए गए हैं। कार्यकारिणी सदस्यों में अखिलेश जायसवाल, मनोज कुमार, प्रवीण कुमार, जेपी मिश्रा, चन्दन चमन, नीरज कुमार, प्रवीण भदौरिया, शफी आलम, संतोष नायक, सुनील सुमन, नियाज कासमी, शिवा चौधरी, मुकेश श्रीवास्तव, मिथिलेश सिंह, दिलीप राज, मलय झा, तौसीफ आलम, मनोज कुमार सिंह, श्याम नंदन, प्रिंस कुमार, चिन्मयानंद, शरद कुमार, सुनील भारती, किशोर कुमार, राकेश कुमार लाल, राजीव कुमार को शामिल किया गया है। प्रमंडल के सभी मीडिया हाउसों के पत्रकारों को सदस्य बनाया गया है।
क्लब के गठन के बाद अध्यक्ष नंद किशोर सिंह की अध्यक्षता में पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इसमें पत्रकारों की सुरक्षा, पेंशन सहित जरूरी मुद्दों पर उनका ध्यान आकृष्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने भी क्लब के सदस्यों और उपस्थित पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके हितों की रक्षा करेगी और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूत किया जाएगा। पूर्णिया प्रेस क्लब के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह ने बताया कि पत्रकारों की एकजुटता और उनके हितों की रक्षा क्लब की प्राथमिकता है। प्रशासनिक अधिकारियों से भी सामंजस्य बनाया जाएगा ताकि पत्रकारों के काम में कोई बाधा ना हो और वे निर्बाध रूप से बिना किसी भय के समाचार संकलन का काम कर सकें।
पूर्णिया में प्रेस क्लब की स्थापना के साथ ही वैसे तथाकथित पत्रकारों की जमीन उनके पैरों तले से खिसक गई है जो केवल संगठन के नाम पर ही पत्रकारिता चमका रहे थे। दरअसल प्रमंडल में कई ऐसे पत्रकार हैं जो अब किसी हाउस से नहीं जुड़े हैं लेकिन उलूल-जुलूल संगठन बना कर उसके पदाधिकारी बने हुए हैं और अपना हित साध रहे हैं। पूर्णिया में सभी हाउसों के पत्रकार इससे परेशान थे और सबके सहयोग औऱ सहमति से प्रेस क्लब का गठन किया गया। प्रेस क्लब के गठन से पुराने मठाधीश बेचैन हो रहे हैं। उन्हें ये खटक रहा है कि प्रेस क्लब के गठन के अगले ही दिन क्लब ने मुख्यमंत्री के सामने पत्रकारों के हितों को मजबूती से रखा और इसका नतीजा था कि सुदूर इलाकों में काम कर रहे पत्रकार भी जागृत हुए और बड़ी सख्या में प्रेस क्लब की सदस्यता ग्रहण की। प्रमंडल में एक बार फिर फर्जी पत्रकारों के द्वारा पत्रकारों से संपर्क साधने का काम शुरू किया जा चुका है। प्रेस क्लब से मिलते-जुलते नामों से भी संगठन बना कर पत्रकारों को गुमराह किया जा रहा है।