झांसी में आज बड़े पैमाने पर रद्दी में रखे गए अखबार शहरियों के घरों में बांट दिए गए. दैनिक जागरण के एक पाठक ने आज बांटे गए अखबार के अंदर के एक पन्ने की तस्वीर को भड़ास के पास भेजा है. इसमें साफ साफ दिख रहा है कि ये अखबार की कॉपी प्रिंटिंग शुरू होने के ठीक बाद की उन सौ दौ सौ कापियों में से एक है जिन्हें रोजाना रद्दी में डाल दिया जाता है.
जब प्रिंटिंग शुरू होती है तो अखबार की सौ दो सौ कापियां इसलिए रद्दी कर दी जाती हैं क्योंकि इंक, प्रिंटिंग क्वालिटी आदि को सेट कर उसे फाइनल टच देने में वक्त लग जाता है. इसी दरम्यान जो कापियां आधी-अधूरी छपती हैं, उन्हें वितरित करने वाले बंडल की बजाय रद्दी के टोकरे में डाल दिया जाता है. पर जाने किस महान आत्मा ने आज इन रद्दी की कापियों को शहर में बंटवा दिया.
जिन लोगों के घरों में ये अखबार गया है, उनका कहना है कि वे जब अखबार खरीदकर पैसे देकर पढ़ते हैं तो उन्हें इतनी घटिया क्वालिटी और खाली पन्ने वाला अखबार क्यों दिया जा रहा है.
One comment on “झांसी में रद्दी जागरण बंटा!”
Andher nagri chaupat raja Take ser bhaji take ser khaja. bahut garv ki bat hai ki Jagran jaise akhbar ne raddi copy tak bant di. achhi khabar hai.